महाराष्ट्र, 10 जुलाई . महाराष्ट्र में जन सुरक्षा विधेयक ध्वनिमत से राज्य विधानसभा में पारित हुआ. इस विधेयक में राज्य की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने और संविधान विरोधी गतिविधियों पर रोक लगाने का प्रावधान है. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवसेना (यूबीटी) नेता सचिन अहीर ने Thursday को कहा कि यह बिल जन सुरक्षा की दृष्टिकोण से लाया गया है. इससे अर्बन नक्सल और माओवादी गतिविधियों पर अंकुश लगेगा.
सचिन अहीर ने समाचार एजेंसी से बातचीत के दौरान कहा कि जन सुरक्षा बिल आम लोगों की सुरक्षा के दृष्टिकोण से लाया गया है. इसका उद्देश्य अर्बन नक्सल और माओवादी गतिविधियों पर अंकुश लगाना बताया गया है. लेकिन जब इसमें कुछ संगठनों के नाम सामने आए, तब हमने हस्तक्षेप किया और स्पष्ट किया कि ऐसे कानून का इस्तेमाल श्रमिक संगठनों या कामगार वर्ग के आंदोलनों के खिलाफ नहीं होना चाहिए. सरकार ने इस पर स्पष्टीकरण भी दिया. हालांकि, यह बिल विधानसभा में संख्या बल के आधार पर पारित कर दिया गया है, लेकिन हम इसका विरोध विधान परिषद में मजबूती से करेंगे.
एनसीपी (एसपी) के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा कि सरकार का कहना था कि कुछ लोग नक्सली गतिविधियों में शामिल हैं और उन्हें कानून के दायरे में लाने की जरूरत है. इसके लिए पहले से कई कानून मौजूद हैं, लेकिन सरकार का इरादा कुछ अतिरिक्त प्रावधान लाने का था. मैं खुद इस जॉइंट कमेटी का सदस्य था और मैंने भी कई सुझाव रखे थे, जिनमें से कुछ को सरकार ने स्वीकार किया. बिल को पहले के मुकाबले कुछ हद तक नरम किया गया है.
पाटिल ने कहा कि Chief Minister देवेंद्र फडणवीस ने आश्वस्त किया है कि यह कानून किसी राजनीतिक पार्टी के खिलाफ, या किसान आंदोलन जैसे सामान्य विरोध-प्रदर्शनों के खिलाफ इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. उन्होंने खुद प्रिंसिपल क्लॉज में बदलाव करने की सहमति दी थी और हम उसमें सफल भी हुए. सरकार ने कहा है कि इसका दुरुपयोग नहीं होगा और उनकी मंशा गलत नहीं है.
वहीं, कांग्रेस विधायक नाना पटोले ने कहा कि आज भी लोगों को जन सुरक्षा बिल पर शंका है. इसको लेकर कई लोगों ने पत्र लिखा और मैसेज किया है. एक बात स्पष्ट है कि जो मुद्दे लोगों के बीच में थे, उन्हें Chief Minister ने स्पष्ट किया है. जन सुरक्षा बिल का दुरुपयोग न होने का सीएम ने भरोसा दिया है. उम्मीद है कि विधानसभा में उन्होंने जो आश्वासन दिया है, उस पर वह कायम रहेंगे. इस बिल से नक्सली गतिविधियों पर लगाम लगाने में सहायता मिलेगी.
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एएसएच/एकेजे