बिहार : वोटर लिस्ट पुनरीक्षण में अब तक 66 प्रतिशत मतदाता कवर, 15 दिन बाकी

New Delhi, 10 जुलाई . बिहार में मतदाता सूची के विशेष सघन पुनरीक्षण (एसआईआर) के तहत अब तक 66.16 प्रतिशत यानी 5.22 करोड़ मतदाताओं के फॉर्म एकत्र किए जा चुके हैं. यह जानकारी निर्वाचन आयोग (ईसीआई) के एक अधिकारी ने Thursday को दी.

यह पुनरीक्षण कार्य 24 जून से शुरू हुआ था और अब तक 7.89 करोड़ पंजीकृत मतदाताओं में से 5.22 करोड़ के एन्युमरेशन फॉर्म जमा हो चुके हैं. आयोग के अनुसार, फॉर्म जमा करने की अंतिम तिथि 25 जुलाई है और मौजूदा रफ्तार को देखते हुए कार्य समय से पहले पूरा होने की संभावना है.

गौरतलब है कि Thursday को ही Supreme court ने इस प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है, जिससे बिहार में प्रस्तावित चुनावों की तैयारी में यह प्रक्रिया जारी रहेगी.

निर्वाचन आयोग ने बताया कि पिछले 16 दिनों में 7.90 करोड़ फॉर्म छापे गए और लगभग 98 प्रतिशत फॉर्म (7.71 करोड़) पहले ही मतदाताओं को वितरित किए जा चुके हैं, जिनके नाम 24 जून तक की मतदाता सूची में दर्ज थे.

चुनाव आयोग ने कहा कि 77,895 बूथ लेवल अधिकारी (बीएलओ) और 4 लाख से अधिक स्वयंसेवक इस अभियान में सक्रिय हैं, जो बुजुर्गों, विकलांगों, बीमार और कमजोर वर्गों को सहायता प्रदान कर रहे हैं.

इसके अतिरिक्त, 1.56 लाख बूथ लेवल एजेंट्स (बीएलए) भी इस प्रक्रिया में भाग ले रहे हैं, जिन्हें सभी मान्यता प्राप्त Political दलों द्वारा नियुक्त किया गया है.

इस बीच, Supreme court ने चुनाव आयोग को “न्यायहित” में सुझाव दिया कि वह आधार, वोटर आईडी और राशन कार्ड जैसे दस्तावेजों को मतदाता सत्यापन के लिए स्वीकार करने पर विचार करे.

न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और जॉयमाल्य बागची की पीठ उन याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिनमें यह दावा किया गया है कि 26 जून को आयोग द्वारा लिया गया एसआईआर का निर्णय, उचित प्रक्रिया के बिना लाखों मतदाताओं को उनके मताधिकार से वंचित कर सकता है और इससे स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों में बाधा उत्पन्न हो सकती है.

अदालत ने कहा कि संशोधित प्रारूप मतदाता सूची अगस्त में प्रकाशित की जाएगी, और इस मामले की अगली सुनवाई 28 जुलाई को नियमित पीठ के समक्ष होगी.

डीएससी/जीकेटी