लंदन, 10 जुलाई . इंग्लैंड और भारत के बीच एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी के तीसरे टेस्ट मैच से पहले लॉर्ड्स स्थित एमसीसी संग्रहालय में Thursday को भारतीय क्रिकेट के दिग्गज सचिन तेंदुलकर की नई तस्वीर का अनावरण किया गया.
ब्रिटिश कलाकार स्टुअर्ट पियर्सन राइट द्वारा बनाई गई इस तस्वीर में तेंदुलकर के ‘बस्ट’ की विशाल छवि को दर्शाया गया है और यह इस वर्ष के अंत में मंडप में स्थानांतरित किए जाने से पहले संग्रहालय में रहेगी.
एमसीसी की संग्रहित तस्वीर में यह किसी भारतीय खिलाड़ी का पांचवां और पियर्सन राइट द्वारा बनाया चौथा चित्र है. तेंदुलकर से पहले कपिल देव, बिशन सिंह बेदी और दिलीप वेंगसरकर के चित्र उन्होंने बनाए हैं. कपिल देव, बिशन बेदी और दिलीप वेंगसरकर के आदमकद चित्रों के विपरीत सचिन की तस्वीर सिर्फ उनके बस्ट (छाती तक) पर केंद्रित है.
यह पेंटिंग 18 साल पहले Mumbai में तेंदुलकर के घर पर ली गई एक तस्वीर पर आधारित है.
तस्वीर के अनावरण और लॉर्ड्स टेस्ट की शुरुआत से पहले घंटी बजाने के बाद सचिन तेंदुलकर कहा, “1983 में, जब भारत ने विश्व कप जीता, तब लॉर्ड्स से मेरा पहला परिचय हुआ. मैंने हमारे कप्तान कपिल देव को ट्रॉफी उठाते देखा. उस पल ने मेरे क्रिकेट के सफर को गति दी. आज, पवेलियन में मेरी तस्वीर लगने से, ऐसा लग रहा है, जैसे जिदगी का एक चक्र पूरा हो गया हो.”
इंग्लैंड बनाम भारत के तीसरे टेस्ट मैच की शुरुआत से पहले सचिन तेंदुलकर ने प्रतिष्ठित घंटी बजाई. साल 2007 में शुरू की गई यह परंपरा क्रिकेट की सबसे प्रिय परंपराओं में से एक है, जो उन खिलाड़ियों के लिए आरक्षित है जिन्होंने खेल पर अपनी अमिट छाप छोड़ी है.
सचिन तेंदुलकर ने 2013 में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहा था. वह अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में सर्वाधिक रन और शतक बनाने वाले बल्लेबाज हैं. तीनों फॉर्मेट मिलाकर सचिन ने कुल 34,357 रन बनाए हैं और रिकॉर्ड 100 शतक लगाए हैं.
पियर्सन राइट ने कहा, “एमसीसी पिछली तस्वीरों से कुछ अलग चाहता था, इसलिए मैंने सचिन के चेहरे पर ध्यान केंद्रित किया.”
लॉर्ड्स पोर्ट्रेट कार्यक्रम 30 साल से भी ज्यादा समय से चल रहा है, लेकिन एमसीसी का कला संग्रह विक्टोरियन युग से जुड़ा है. 3,000 कलाकृतियों में से लगभग 300 पोर्ट्रेट के साथ, यह दुनिया के सबसे समृद्ध खेल संग्रहालयों में से एक है.
एमसीसी की संग्रह एवं कार्यक्रम प्रबंधक चार्लोट गुडह्यू ने कहा, “सचिन तेंदुलकर जैसे व्यक्तित्व की तस्वीर को संग्रहालय में शामिल करना अद्भुत है.”
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पीएके/एकेजे