नई दिल्ली, 7 जुलाई . बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने 1984 के स्वर्ण मंदिर हमले को लेकर सनसनीखेज दावा किया है. उन्होंने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने ब्रिटेन के साथ मिलकर स्वर्ण मंदिर पर हमला किया था.
भाजपा नेता अपने एक्स हैंडल पर गृह सचिव की एक कथित रिपोर्ट का हवाला देते हुए लिखा,”1984 में स्वर्ण मंदिर पर हमला ब्रिटेन के साथ मिलकर किया गया. ब्रिटिश सेना के अधिकारी अमृतसर में मौजूद थे. कांग्रेस के लिए सिख समुदाय सिर्फ खिलौना है.”
उन्होंने यह भी दावा किया कि 1960 में करतारपुर साहिब पाकिस्तान को देने का समझौता सरदार स्वर्ण सिंह ने किया, 1984 में सिखों के कत्लेआम को छुपाने के लिए वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं को बचाया गया और 2004 में मनमोहन सिंह को “कठपुतली प्रधानमंत्री” बनाया गया.
भाजपा ने गृह सचिव की एक कथित गोपनीय चिट्ठी साझा की, जिसमें दावा किया गया है कि भारतीय अधिकारियों ने स्वर्ण मंदिर से सिख चरमपंथियों को हटाने के लिए ब्रिटेन से सलाह मांगी थी.
ये खत विदेश एवं राष्ट्रमंडल कार्यालय के निजी सचिव ब्रायन फॉल ने तत्कालीन गृह सचिव के निजी सचिव ह्यूग टेलर को लिखा था.
इस खत के जरिए निशिकांत ने अपने दावे को पुख्ता किया है. इसमें लिखा है, विदेश सचिव ने इस अनुरोध पर सहमति दी और ब्रिटिश प्रधानमंत्री की मंजूरी से एक शिरोमणि अकाली दल के अधिकारी ने भारत का दौरा किया. इस अधिकारी ने एक योजना बनाई, जिसे इंदिरा गांधी ने मंजूरी दी. योजना को जल्द लागू करने की संभावना थी.
इसमें कहा गया है कि स्वर्ण मंदिर में इस कार्रवाई से पंजाब में सांप्रदायिक हिंसा भड़क सकती थी, जिससे भारत और ब्रिटेन में सिख समुदाय के बीच तनाव बढ़ने का खतरा था, खासकर अगर ब्रिटिश विशेष बल (एसएएस) की भूमिका उजागर हो जाती. इसलिए, इस जानकारी को भारत और लंदन में गोपनीय रखा गया. विदेश सचिव ने इसे सीमित लोगों तक रखने की सलाह दी थी.
इस पत्र की प्रति नंबर 10 डाउनिंग स्ट्रीट, रक्षा मंत्रालय और कैबिनेट कार्यालय को भेजी गई थी.
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एसएचके/केआर