Ahmedabad, 6 जुलाई . Enforcement Directorate (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की मदद और संयुक्त अपील के बाद अमेरिका के न्याय विभाग ने पीएनबी घोटाले के एक अन्य मुख्य आरोपी और भगोड़ा घोषित नीरव मोदी के छोटा भाई नेहल मोदी को अमेरिका में गिरफ्तार किया. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए आम आदमी पार्टी (आप) के नेता गोपाल राय ने Government पर सवाल उठाया कि देश के पैसे लेकर लोग कैसे विदेश भाग जाते हैं.
‘आप’ नेता गोपाल राय ने समाचार एजेंसी से बातचीत के दौरान कहा कि जिस तरह से बड़े पैमाने पर देश का पैसा मार कर लोग बाहर चले जाते हैं, वह रास्ता ही नहीं बनना चाहिए. अगर एक किसान कर्ज लेता है उसकी कुर्की हो जाती है, लेकिन इतनी मोटी रकम लेकर बड़े कारोबारी देश से बाहर भाग जाते हैं, लेकिन Government कोई कार्रवाई नहीं करती. मुझे लगता है कि Government को पहले ही सतर्क रहना चाहिए था.
इंदिरा गांधी के आपातकाल लागू करने पर उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी का इमरजेंसी लगाना तानाशाही थी, जो कि कुछ समय के लिए लागू किया गया था. आज की तानाशाही ज्यादा खतरनाक है. आज के दौर में स्थायी रूप से इमरजेंसी लागू है, बस उसका स्वरूप बदला हुआ है. इस समय आप सब कुछ जानते हुए भी बोल नहीं सकते, चारों तरफ भय का माहौल है. अभी आप विधायक चैतर वसावा को गिरफ्तार किया गया है, क्योंकि उन्होंने Gujarat में मनरेगा घोटाले को उजागर किया. एक नए दौर की नई तरह की तानाशाही देश के अंदर है और इससे मुक्ति का रास्ता नए तरीके से निकलेगा.
प्यू रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट के मुताबिक, India के 74 प्रतिशत लोग लोकतंत्र से संतुष्ट हैं. इस पर गोपाल राय ने कहा कि देश में संसदीय प्रणाली, न्यायपालिका, पत्रकारिता और व्यवस्थापिका पर हमले किए जा रहे हैं, यह चारों देश की लोकतंत्र के स्तम्भ हैं. पूरी न्यायपालिका को प्रभावित किया जा रहा है. जांच एजेंसियों सीबीआई, ईडी का दुरुपयोग किया जा रहा है. इन सबको लेकर देश की जनता के अंदर निश्चित रूप से लोकतंत्र को लेकर एक चिंता पैदा हो गई है. इसलिए, हमें उम्मीद है कि जो सवाल उठ रहे हैं, Government उन पर विचार करेगी और हमारी लोकतांत्रिक गौरवशाली परंपरा को आगे बढ़ाने की काम करेगी.
आप विधायक चैतर वसावा की गिरफ्तारी पर उन्होंने कहा कि विसावदर में भाजपा बुरी तरह से हारी और उसके बाद की बौखलाहट का पहला प्रकरण चैतर वसावा की गिरफ्तारी के रूप में सामने आया है. इससे पता चलता है कि भाजपा विसावदर हार के बाद कितनी बेचैन है. विसावदर का चुनाव एक सीट का था, लेकिन इस सीट की जीत के मायने बहुत बड़े हैं. इस सीट पर भाजपा का उम्मीदवार नहीं पूरी सत्ता लड़ रही थी. 294 बूथ पर चप्पे-चप्पे पर भाजपा लगी थी. इस दौरान दारू, पैसा और प्रशासन तक लग गया था. विसावदर की जनता ने तीन गुना से ज्यादा वोट से भाजपा को हरा दिया. जनता एकजुट हो जाए तो भाजपा के भय और भ्रष्टाचार के तंत्र को तोड़ सकती है, पूरे Gujarat में बदलाव ला सकती है.
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एएसएच/एकेजे