मनोज झा ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, एसआईआर को दी चुनौती

New Delhi, 6 जुलाई . बिहार में कुछ ही महीनों में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं. राजनीतिक पार्टियां चुनाव की तैयारी में जुट गई हैं और राजनेता ताबड़तोड़ रैलियां-जनसभाएं कर रहे हैं. इससे पहले राज्य में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर घमासान मचा हुआ है. राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद मनोज झा ने Supreme court में इसके खिलाफ याचिका दाखिल की है.

बिहार में चुनाव आयोग के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) कराने के फैसले को राजद सांसद मनोज झा ने Supreme court में चुनौती दी है. उन्होंने याचिका दायर कर Supreme court से चुनाव आयोग के फैसले पर रोक लगाने की मांग की है. इससे पहले एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद महुआ मोइत्रा भी चुनाव आयोग के इस फैसले को Supreme court में चुनौती दे चुकी हैं.

इन याचिकाओं में कहा गया है कि चुनाव आयोग द्वारा विशेष गहन पुनरीक्षण कराने का फैसला मनमाना है. इसके चलते बिहार के लाखों मतदाताओं का मतदान का अधिकार छीन जाएगा. आपको बता दें कि बिहार में इसी साल विधानसभा चुनाव है. इससे पहले चुनाव आयोग ने 24 जून को बिहार में वोटर लिस्ट के एसआईआर (स्पेशल इंटेंसिव रिविजन) करने का ऐलान किया था.

कई विपक्षी दल के नेता भी चुनाव आयोग के इस फैसले पर अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं. इस मामले में चुनाव सुधारों पर नजर रखने वाली संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने अपनी याचिका में कहा है कि चुनाव आयोग का फैसला भारतीय संविधान के खिलाफ है. विशेष गहन पुनरीक्षण की वजह से वो लोग जो गरीब हैं, जिनके पास दस्तावेज नहीं हैं, उन्हें मतदान देने के अधिकार से वंचित किया जा सकता है.

डीकेपी/डीएससी