पुणे, 6 जुलाई . महाराष्ट्र में भाषा विवाद को लेकर राजनीति तेज और उग्र हो गई है. महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के कार्यकर्ताओं की ओर से गैर मराठी भाषाई लोगों पर हमले की घटनाएं भी लगातार सामने आ रही हैं. इसको लेकर सियासत तेज हो गई है. इस मुद्दे पर कांग्रेस नेता तहसीन पूनावाला ने कहा कि अगर गरीब कार्यकर्ताओं पर केस दर्ज किया जाता हैं, तो फिर मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे पर क्यों नहीं किया जा सकता? Supreme court में स्पष्ट रूप से कहा है कि जिस देश में भीड़तंत्र होगा, वहां लोकतंत्र नहीं टिक सकता.
पूनावाला ने समाचार एजेंसी से बातचीत के दौरान कहा, “मैं भीड़ हिंसा के खिलाफ Supreme court में गया था. तब माननीय Supreme court ने तहसीन पूनावाला वर्सेज यूनियन ऑफ इंडिया केस में बहुत स्पष्ट रूप से कहा है कि जिन देशों में भीड़तंत्र होगा, वहां लोकतंत्र कभी नहीं हो सकता और जहां भीड़तंत्र होगा, वहां लोकतंत्र टिक नहीं सकता.”
उन्होंने कहा कि राज ठाकरे का माइक पर कहना कि ‘आप पीटो, पर रिकॉर्ड मत करो’, यह Supreme court की अवमानना है. मैं महाराष्ट्र के Chief Minister देवेंद्र फडणवीस से पूछना चाहता हूं कि Supreme court का जजमेंट मानना आपका काम नहीं है? आप गरीब कार्यकर्ताओं पर केस दर्ज करते हैं, तो फिर राज ठाकरे पर केस क्यों नहीं करते? मेरे इस केस के जजमेंट में बहुत स्पष्ट तौर पर Supreme court ने कहा है कि ‘राजनीतिक दलों के प्रमुखों पर भी केस दर्ज किए जाएं, अगर हिंसा उनके इशारे पर हो.
पूनावाला ने कहा कि ‘कान के नीचे बजाओ, पर रिकॉर्ड मत करो’ यह नफरत की भाषा है.
तहसीन पूनावाला ने भाषा विवाद पर Mumbai में हुए आतंकी हमले में राज्य की सुरक्षा और नागरिकों को बचाने आए एनएसजी कमांडो का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि Mumbai में जब 26/11 आतंकी हमला हुआ, तब Mumbai को बचाने के लिए एनएसजी कमांडो आए थे. उनमें सिर्फ मराठी नहीं थे, बल्कि भारत के अलग-अलग राज्यों से आए थे. मुझे लगता है कि भाषा पर विवाद न होकर गरीब बच्चों की अच्छी शिक्षा, मराठी मानुस के अच्छे इलाज और राज्य के विकास पर बात होनी चाहिए, पीटने पर नहीं.
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एएसएच/एएस