‘सांस्कृतिक संबंधों के लिए दूरी कोई बाधा नहीं,’ अर्जेंटीना में भव्य स्वागत पर बोले प्रधानमंत्री मोदी

ब्यूनस आयर्स, 5 जुलाई . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि सांस्कृतिक संबंधों के लिए दूरी कोई बाधा नहीं है. यह बात उन्होंने अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स में अल्वियर पैलेस होटल पहुंचने पर भारतीय समुदाय द्वारा किए गए गर्मजोशी भरे और पारंपरिक स्वागत के बाद कही.

प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कुछ तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा, “सांस्कृतिक जुड़ाव के मामले में दूरी कोई बाधा नहीं है! ब्यूनस आयर्स में भारतीय समुदाय द्वारा किए गए शानदार स्वागत से सम्मानित महसूस कर रहा हूं. यह देखना वाकई बहुत अच्छा है कि कैसे घर से हज़ारों किलोमीटर दूर, भारत की भावना हमारे भारतीय समुदाय के माध्यम से चमकती है.”

अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स स्थित अल्वियर पैलेस होटल पहुंचने पर भारतीय समुदाय ने गर्मजोशी से ‘मोदी-मोदी’, ‘जय हिंद’ और ‘भारत माता की जय’ के नारों के साथ प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया.

इस दौरान पारंपरिक भारतीय शास्त्रीय नृत्य का प्रदर्शन किया गया, जिसमें भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की छाप दिखी. वहां मौजूद लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी से ऑटोग्राफ भी लिया.

बता दें कि पीएम मोदी की यह अर्जेंटीना यात्रा 57 साल में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली द्विपक्षीय यात्रा है, जो इसके ऐतिहासिक महत्व को दर्शाती है. पीएम मोदी राष्ट्रपति जेवियर माइली के निमंत्रण पर अर्जेंटीना पहुंचे हैं. दोनों नेताओं के बीच आखिरी मुलाकात नवंबर 2024 में ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान हुई थी.

इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी अर्जेंटीना के राष्ट्रीय नायक जनरल जोस डी सैन मार्टिन की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे. उनका औपचारिक स्वागत किया जाएगा और राष्ट्रपति माइली के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता होगी, जिसके बाद उनके सम्मान में दोपहर का भोजन आयोजित किया जाएगा.

यह यात्रा प्रधानमंत्री मोदी की पांच देशों की यात्रा का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य वैश्विक दक्षिण के साथ संबंधों को गहरा करना है. अर्जेंटीना की यात्रा के बाद पीएम मोदी ब्राजील जाएंगे, जहां वे ब्रासीलिया की द्विपक्षीय यात्रा करने से पहले रियो डी जेनेरियो में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे. इसके बाद वे नामीबिया जाएंगे, जो उनकी यात्रा का अंतिम पड़ाव होगा.

पीएसके/केआर