अलमाटी बांध की ऊंचाई बढ़ाने का विरोध करेगी महाराष्ट्र सरकार : मंत्री विखे पाटिल

मुंबई, 5 जुलाई . महाराष्ट्र के जल संसाधन मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल ने शुक्रवार को विधान परिषद में प्रश्नकाल के दौरान कहा कि अलमाटी बांध की ऊंचाई बढ़ाने के प्रस्ताव पर महाराष्ट्र सरकार का रुख स्पष्ट है और यहां की सरकार कर्नाटक सरकार के ऐसे किसी भी कदम का विरोध करती रहेगी. उन्होंने कांग्रेस नेता भाई जगताप के उठाए गए एक सवाल का जवाब में ऐसा कहा.

मंत्री विखे पाटिल ने जल निकासी और उसके प्रबंधन को महत्वपूर्ण मुद्दा बताते हुए कहा कि इस संबंध में नीतिगत उपाय तैयार किए गए हैं.

उन्होंने कहा कि दैनिक उपयोग और संभावित बाढ़ को रोकने के लिए निकासी की मात्रा पर भी विचार किया जा रहा है.

उन्होंने विधान परिषद को बताया कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अलमाटी बांध की ऊंचाई न बढ़ाने की बात कही है.

विखे पाटिल ने हाल ही में कहा था कि राज्य सरकार ने लगातार अलमाटी बांध की ऊंचाई बढ़ाने की कर्नाटक सरकार की योजना का विरोध किया है.

सरकार ने रुड़की स्थित राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान से रिपोर्ट मांगी है, जो बांध की प्रस्तावित ऊंचाई से होने वाले संभावित प्रभावों का निष्पक्ष आकलन करेगी.

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हाल ही में कर्नाटक के मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में अलमाटी बांध की ऊंचाई बढ़ाने पर आपत्ति जताई है. उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि ऊंचाई बढ़ाने पर महाराष्ट्र के सांगली और कोल्हापुर जिलों में बाढ़ आ सकती है, इसलिए मुख्यमंत्री फडणवीस ने ऊंचाई बढ़ाने की योजना का पुनर्मूल्यांकन करने को कहा है.

मुख्यमंत्री फडणवीस ने कर्नाटक से आग्रह किया था कि वह महाराष्ट्र के कोल्हापुर और सांगली जिलों में बाढ़ से लोगों की सुरक्षा के लिए अलमाटी बांध की ऊंचाई को वर्तमान 519.6 मीटर से बढ़ाकर 524.256 मीटर के पूर्ण जलाशय स्तर (एफआरएल) तक करने की योजना पर पुनर्विचार करे.

हालांकि, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री फडणवीस को लिखे पत्र में अलमाटी में कृष्णा नदी पर लाल बहादुर शास्त्री जलाशय की ऊंचाई बढ़ाने के कर्नाटक के फैसले का बचाव किया. उन्होंने तर्क दिया है कि कर्नाटक को कृष्णा जल विवाद न्यायाधिकरण के फैसले को प्रकाशित करने के लिए केंद्र सरकार की प्रतीक्षा किए बिना भी बांध की ऊंचाई बढ़ाने का अधिकार है.

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