वोटर लिस्ट पुनरीक्षण पर सवाल, मतदाताओं को सूची से हटाने का आरोप : शमा मोहम्मद

नई दिल्ली, 4 जुलाई . कांग्रेस नेता शमा मोहम्मद ने वोटर लिस्ट सुधार की प्रक्रिया को लेकर चुनाव आयोग और एनडीए सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. समाचार एजेंसी से बातचीत में उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग सरकार के इशारे पर काम कर रहा है और वोटर लिस्ट सुधार की प्रक्रिया को जानबूझकर देरी से शुरू किया गया है ताकि गरीब, दलित, ओबीसी, ईबीसी और मुस्लिम मतदाताओं को वोट देने से रोका जा सके.

शमा मोहम्मद ने बताया कि मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने दावा किया है कि वोटर लिस्ट में सुधार की प्रक्रिया तय समय पर पूरी हो जाएगी. लेकिन, उन्होंने सवाल उठाया कि जब बिहार में चुनाव कुछ ही महीने दूर है, तो यह प्रक्रिया पहले क्यों नहीं शुरू की गई.

उनके अनुसार, बिहार में एक करोड़ से अधिक प्रवासी मजदूर दिल्ली और अन्य राज्यों में रहते हैं. इन मजदूरों को जन्म प्रमाणपत्र या अन्य दस्तावेज जमा करने के लिए बिहार लौटना पड़ेगा, जिसका खर्चा वहन करना उनके लिए मुश्किल है.

उन्होंने आरोप लगाया कि एनडीए सरकार को आगामी बिहार चुनाव में हार का डर है. इसलिए, वह गरीब और पिछड़े वर्गों के मतदाताओं को वोटर लिस्ट से हटाने की साजिश रच रही है.

शमा मोहम्मद ने कहा, “यह प्रक्रिया मुस्लिम, दलित, ओबीसी और ईबीसी जैसे गरीब समुदायों को वोट देने से रोकने का एक तरीका है. सरकार जानती है कि ये समुदाय उनके खिलाफ वोट दे सकते हैं, इसलिए उन्हें वोटर लिस्ट से बाहर करने की कोशिश हो रही है.”

कांग्रेस नेता ने आधार कार्ड के इस्तेमाल पर भी सवाल उठाए.

उन्होंने कहा कि सरकार हर काम के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य बताती है, लेकिन वोटर लिस्ट सुधार के लिए जन्म प्रमाणपत्र की मांग की जा रही है.

उन्होंने बीजेपी नेता अजय आलोक के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि जब आधार कार्ड बनाने के लिए जन्म प्रमाणपत्र जरूरी है, तो वोटर लिस्ट में आधार का इस्तेमाल क्यों नहीं किया जा रहा? शमा मोहम्मद ने इस मुद्दे को सुप्रीम कोर्ट में ले जाने की बात कही.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस गलत प्रक्रिया के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ेगी. उनके अनुसार, यह प्रक्रिया न केवल अन्यायपूर्ण है, बल्कि लोकतंत्र के लिए भी खतरा है.

उन्होंने मांग की कि मतदाताओं को परेशान करने वाली इस प्रक्रिया को तुरंत रोका जाए और सभी पात्र मतदाताओं को वोट देने का अधिकार सुनिश्चित किया जाए.

एसएचके/जीकेटी