संवाद, संवेदनशीलता और सकारात्मकता से बनेंगे सफल अधिकारी : सीएम योगी

लखनऊ, 4 जुलाई . उत्तर प्रदेश के Chief Minister योगी आदित्यनाथ ने राज्य प्रशासनिक सेवा (पीसीएस) के प्रशिक्षु अधिकारियों को सफल और प्रभावी अधिकारी बनने के लिए ‘संवाद, संवेदनशीलता और सकारात्मकता’ का मंत्र दिया. Friday को पीसीएस 2022 बैच के 07 और 2023 बैच के 38 प्रशिक्षु अधिकारियों से संवाद करते हुए सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य के प्रशासन का महत्वपूर्ण हिस्सा बनना, बड़ी चुनौतियों से भरा है. यह चुनौतियां ही आपके व्यक्तित्व को निखारेंगी.

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश जैसा विशाल, विविधताओं से भरा राज्य प्रशासनिक रूप से भी अनेक चुनौतियों से जुड़ा है. ऐसे राज्य की सेवा का अवसर प्राप्त होना न केवल गौरव की बात है, बल्कि यह आपके व्यक्तित्व और दृष्टिकोण को गहराई से परखने और निखारने का भी माध्यम है. प्रशिक्षण के उपरांत प्रारंभिक 05-06 वर्षों का व्यवहार, दृष्टिकोण और कार्यशैली आने वाले तीन-चार दशकों की दिशा तय कर देता है.

Chief Minister ने प्रशिक्षु अधिकारियों को संवाद, सकारात्मकता और संवेदनशीलता को कार्य संस्कृति का हिस्सा बनाने का आह्वान करते हुए कहा, “जनता से जुड़ाव और फैसलों में मेरिट को प्राथमिकता दीजिए. उन्होंने एक अधिकारी के रूप में वे सभी गरीब और कमजोर वर्ग के प्रति संवेदनशील व्यवहार रखें. Chief Minister ने अधिकारियों का ध्यान भूमि विवादों, पैमाइश और मेड़बंदी जैसे विषयों की ओर आकर्षित करते हुए कहा कि इनमें देरी से जनता में निराशा आती है. इन विषयों के प्रति विशेष संवेदनशीलता होनी चाहिए. “लोगों को त्वरित न्याय दिलाना आपकी कार्यशैली का हिस्सा होना चाहिए. राजस्व के लाखों मामले लंबित हैं. आपके निर्णयों और सक्रियता से लोगों को राहत मिल सकती है.”

सीएम योगी ने अधिकारियों से जनहित को सर्वोपरि रखने और निर्णय प्रक्रिया में ईमानदारी व निष्पक्षता को प्राथमिकता देने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि “प्रशासनिक सेवा में जनता का विश्वास अर्जित करना सबसे बड़ी पूंजी है. इससे न केवल आपकी कार्यक्षमता बढ़ती है, बल्कि सिस्टम में सुधार भी आता है.”

उन्होंने विश्वास जताया कि इन प्रशिक्षु अधिकारियों की ऊर्जा, नवाचार और समर्पण से प्रदेश की प्रशासनिक व्यवस्था को एक नई गति और दिशा मिलेगी. सीएम योगी ने सभी को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए कहा, “आपका योगदान आने वाले समय में राज्य की नीति और जनता की नियति दोनों को प्रभावित करेगा. पूरी निष्ठा और पारदर्शिता के साथ कार्य करें.”

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