पोर्ट ऑफ स्पेन, 4 जुलाई . घाना की यात्रा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी त्रिनिदाद और टोबैगो पहुंचे. यहां प्रधानमंत्री मोदी ने बड़ा ऐलान किया. कहा कि त्रिनिदाद और टोबैगो में भारतीय प्रवासियों की छठी पीढ़ी को ओवरसीज सिटिजनशिप ऑफ इंडिया (ओसीआई) कार्ड दिए जाएंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा, “आप सिर्फ खून या उपनाम से नहीं जुड़े, आप भारत से दिल से जुड़े हैं. भारत आपका स्वागत करता है और आपको गले लगाता है.”
त्रिनिदाद और टोबैगो में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “आज मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि त्रिनिदाद और टोबैगो में भारतीय प्रवासियों की छठी पीढ़ी को ओसीआई कार्ड दिए जाएंगे. आप सिर्फ खून या उपनाम से ही नहीं जुड़े हैं. आप अपनेपन से भी जुड़े हैं. भारत आपका स्वागत करता है और आपको गले लगाता है.”
पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर को बिहार की बेटी बताया. उन्होंने कहा, “त्रिनिदाद और टोबैगो की प्रधानमंत्री कमला पर्साद-बिसेसर के पूर्वज बिहार के बक्सर से थे. कमला खुद वहां जाकर भी आई हैं और लोग उन्हें बिहार की बेटी मानते हैं. यहां उपस्थित अनेक लोगों के पूर्वज बिहार से ही आए हैं. बिहार की विरासत भारत के साथ ही दुनिया का भी गौरव है. लोकतंत्र हो, राजनीति हो, कूटनीति हो, उच्च शिक्षा हो, बिहार ने सदियों पहले दुनिया को ऐसे अनेक विषयों में नई दिशा दिखाई थी. मुझे विश्वास है कि 21वीं सदी की दुनिया के लिए भी बिहार की धरती से नई प्रेरणाएं और नए अवसर निकलेंगे.”
प्रधानमंत्री ने 500 साल बाद अयोध्या में रामलला की वापसी का भी खुशी के साथ स्वागत किया और भगवान राम के प्रति गहरी आस्था और भक्ति व्यक्त की. पीएम मोदी ने कहा, “हमें याद है कि आपने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए पवित्र जल और शिलाएं भेजी थीं. मैं भी इसी तरह की भक्ति भावना के साथ यहां कुछ लाया हूं. अयोध्या में राम मंदिर की प्रतिकृति और सरयू नदी से कुछ जल लाना मेरे लिए सम्मान की बात है. आप सभी जानते हैं कि इस वर्ष की शुरुआत में दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक समागम महाकुंभ हुआ था. मुझे महाकुंभ का जल अपने साथ ले जाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है. मैं कमला जी से अनुरोध करता हूं कि वे सरयू नदी और महाकुंभ का पवित्र जल यहां गंगा धारा में अर्पित करें.”
उन्होंने भारतीय समुदाय की प्रशंसा की और कहा, “आपके पूर्वजों ने कठिनाइयों का डटकर मुकाबला किया. वे गंगा-यमुना को पीछे छोड़ आए, लेकिन रामायण को अपने दिल में लाए. वे सिर्फ प्रवासी नहीं थे, बल्कि एक प्राचीन सभ्यता के दूत थे. आपने इस देश को सांस्कृतिक, आर्थिक और आध्यात्मिक रूप से समृद्ध किया है.”
प्रधानमंत्री मोदी ने 25 साल पहले अपनी यात्रा को याद करते हुए कहा, “तब हम ब्रायन लारा के कवर ड्राइव और पुल शॉट्स की प्रशंसा करते थे. आज सुनील नरेन और निकोलस पूरन युवाओं में वही उत्साह जगाते हैं. तब से अब तक हमारी दोस्ती और मजबूत हुई है.”
उन्होंने यह भी कहा, “बनारस, पटना, कोलकाता, और दिल्ली भारत में शहर हैं, लेकिन ये यहां सड़कों के नाम भी हैं. नवरात्रि, महाशिवरात्रि, और जन्माष्टमी यहां उत्साह और गर्व के साथ मनाए जाते हैं. चौताल और बैठक गण यहां आज भी फल-फूल रहे हैं.”
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एफएम/केआर