पंढरपुर, 3 जुलाई . महाराष्ट्र के पंढरपुर वारी में कथित नक्सलियों की घुसपैठ का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. शिवसेना विधायक मनीषा कायंदे द्वारा यह मुद्दा उठाए जाने के बाद उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आषाढी वारी 2025 की योजना का खुद निरीक्षण किया. उन्होंने कहा कि वारकरियों की यात्रा सुरक्षित हो, इसलिए सरकार अलर्ट है. पुलिस ने पूरी सुरक्षा दी है और हर चीज पर प्रशासन की नजर है.
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे गुरुवार को पंढरपुर आए तो वे सबसे पहले नो व्हीकल जोन से गुजरे. उन्होंने भगवान विट्ठल का दर्शन किया. एकनाथ शिंदे ने खुद को वीआईपी वारकरी कहते हुए 10 घंटे तक कमजोर और दुबले-पतले वारकरियों को बिना किसी बाधा के विठ्ठल देवता का दर्शन कराया.
बाद में उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि पिछले साल जब मैं मुख्यमंत्री था तो मैंने विट्ठल भक्तों को जितनी सुख-सुविधाएं दी थीं, उससे कहीं अधिक निधि देकर मुख्यमंत्री ने वारकरियों का ख्याल रखा है. इसके बाद उन्होंने 65 एकड़ नदी मरुस्थल, पत्राशेड दर्शन बाड़ी का निरीक्षण किया. इसके बाद वे स्वास्थ्य शिविर गए, जहां उन्होंने मरीजों का हालचाल पूछा. उन्होंने कहा कि वारकरी की यात्रा सुरक्षित हो, उसके लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.
एक दिन पहले एकनाथ शिंदे ने नक्सलवाद पर कहा कि गढ़चिरौली में नक्सलवाद और स्लीपर सेल लगभग खत्म होने के कगार पर हैं. वहां अब विकास कार्य शुरू हो चुके हैं, रोजगार और मूलभूत सुविधाओं पर हमारा फोकस है. मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद पूरी तरह से खत्म करने का लक्ष्य केंद्र सरकार की तरफ से रखा गया है.
उन्होंने कहा कि पंढरपुर की वारकरी परंपरा एक पवित्र धार्मिक यात्रा है, जो हर वर्ष पूरे श्रद्धा भाव से संपन्न होती है. लाखों लोग इस दौरान यात्रा करते हैं. यदि इसमें किसी असामाजिक तत्व के कारण कोई असंतोष या विवाद उत्पन्न हुआ है तो सरकार उस पर गंभीरता से जांच कराएगी.
आपको बता दें कि वारकरी भगवान विट्ठल के भक्त होते हैं, जो महाराष्ट्र में वारकरी संप्रदाय से जुड़े हैं. ये भक्त पंढरपुर में विट्ठल (विष्णु का एक रूप) के दर्शन के लिए प्रतिवर्ष ‘वारी’ (तीर्थयात्रा) करते हैं.
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डीकेपी/एबीएम