मुंबई, 3 जुलाई . महाराष्ट्र में मराठी बनाम हिंदी भाषा का विवाद गहराता जा रहा है. इस मामले में देवेंद्र फडणवीस सरकार की तरफ से हिंदी की अनिवार्यता के फैसले को वापस ले लिया गया है. इस बीच शिवसेना (यूबीटी) के नेता और विधायक आदित्य ठाकरे ने उद्धव गुट के नेता राजन विचारे के मराठी-हिंदी विवाद पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि मैंने खुद राजन विचारे से बात की है और उन्होंने स्पष्ट किया कि यह मामला न तो मराठी बनाम मराठी का है, न ही किसी जाति या समाज से जुड़ा है. यह पूरी तरह से व्यक्तिगत विवाद था. झगड़ा फोन चार्जिंग को लेकर हुआ था, जिसमें एक व्यक्ति ने दूसरे को मारा और महिला ने बीच बचाव किया. इसके बाद मामला बढ़ गया. पुलिस में शिकायत दर्ज हुई है, लेकिन इस मुद्दे को भाषा या समुदाय से जोड़ना गलत है.
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे ने हिंदी-मराठी भाषा विवाद पर कहा कि हमारी किसी भाषा से दुश्मनी नहीं है, लेकिन मराठी भाषा का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. महाराष्ट्र में कई लोग बाहर से पोस्टिंग पर आते हैं, जिन्हें मराठी नहीं आती है. हम मानते हैं कि हर व्यक्ति का सम्मान होना चाहिए, लेकिन अगर कोई मराठी भाषा या महाराष्ट्र का अपमान करता है और कानून हाथ में लेता है तो हालात बिगड़ सकते हैं. हम सभी से संयम और सम्मान की अपील करते हैं.
उन्होंने पुणे में डिलीवरी बॉय द्वारा दुष्कर्म मामले पर कहा कि इस तरह की घटनाएं इसलिए हो रही हैं, क्योंकि अपराधियों के मन में कानून का डर नहीं बचा है. एक डिलीवरी बॉय का किसी महिला के घर में घुसकर ऐसा जघन्य अपराध करना यह दिखाता है कि कानून व्यवस्था में खामियां हैं. यह राजनीति का विषय नहीं है, सभी दलों को एकजुट होकर ऐसे मामलों पर सख्त कार्रवाई की मांग करनी चाहिए.
आदित्य ठाकरे ने दिशा सालियान केस में नाम घसीटे जाने पर भी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने दोहराया कि उनका दिशा सालियान मामले से कोई संबंध नहीं है. उन्होंने पहले भी यह बात कही थी और आज भी यही कह रहे हैं कि इस मामले में उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है और उन्हें अनावश्यक रूप से बदनाम करने की कोशिश की जा रही है.
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डीकेपी/जीकेटी