नई दिल्ली, 3 जुलाई . केंद्रीय बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्रालय में राज्य मंत्री शांतनु ठाकुर ने गुरुवार को कहा कि 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य में पीएम गतिशक्ति योजना अहम भूमिका निभाएगी.
राष्ट्रीय राजधानी में पीएचडीसीसीआई के कार्यक्रम के साइडलाइन में उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि पोर्ट देश के विकास के लिए काफी अहम है क्योंकि यह एक ऐसा साधन है, जिसकी मदद से वृद्धि दर को रफ्तार मिलती है.
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि कार्यक्राम में इनलैंड वाटरवेज पर चर्चा हुई. पहले देश में 5 इनलैंड वाटरवेज होते थे, अब इनकी संख्या बढ़कर 111 हो गई है, साथ ही इनका और विस्तार करने के लिए काम चल रहा है. इनलैंड वाटरवेज का उद्देश्य सामान की आवाजाही को आसान बनाने के साथ-साथ टूरिज्म आदि को प्रमोट करना है.
केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर ने अनुसार, केंद्र सरकार देश में तेजी से पोर्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित कर रही है. इसमें पोर्ट बनाने के साथ-साथ औद्योगिक पार्क और डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर बनाने पर भी काम किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वॉकल फॉर लोकल के सपने को साकार करने में पोर्ट एक अहम भूमिका निभाएंगे.
रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी डॉ सुरिंदर अहिरवार ने कहा कि पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान, जिसने सबसे एकीकृत तरीके से बुनियादी ढांचे के विकास को आगे बढ़ाया है. यह कृषि और मैन्युफैक्चरिंग समेत देश के आर्थिक विकास में बड़ी भूमिका निभा रहा है.
नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च (एनसीएईआर) द्वारा की गई स्टडी के अनुसार भारत की लॉजिस्टिक्स लागत जीडीपी के 7.8-8.9 प्रतिशत के बीच रह गई है, जो पहले अनुमानित 13-14 प्रतिशत के आंकड़ों से काफी कम है. यह आंकड़ा बुनियादी ढांचे के विकास के लिए लाए गए पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान की सफलता को दर्शाता है.
रिपोर्ट में बताया गया कि विश्व बैंक के लॉजिस्टिक्स परफॉरमेंस इंडेक्स में भारत का 2023 में 44वें स्थान से 38वें स्थान पर पहुंचना सकारात्मक गति को दर्शाता है, हालांकि आगे और प्रगति की पर्याप्त गुंजाइश है.
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एबीएस/