उपचुनाव में जीत के बाद बेतुके बयान दे रहे केजरीवाल : संजय निरुपम

मुंबई, 3 जुलाई . आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस का रिश्ता “प्रेमी-प्रेमिका जैसा” बताया है. इस बयान को लेकर सियासत तेज हो गई है. शिवसेना प्रवक्ता संजय निरुपम ने केजरीवाल पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल अचानक उपचुनाव में जीत के बाद बेतुके बयान दे रहे हैं.

संजय निरुपम ने गुरुवार को समाचार एजेंसी से बातचीत के दौरान कहा, “दिल्ली में बुरी तरह हारे अरविंद केजरीवाल अचानक उपचुनाव में एक-दो जीत के बाद ऐसे बेतुके बयान दे रहे हैं जैसे “बिल्ली के भाग्य से छींका टूटा हो”.

उन्होंने कहा कि कोई भी यह नहीं सोच सकता कि भाजपा और कांग्रेस साथ आ सकते हैं. कांग्रेस की नीतियों ने देश को तबाह किया है, इसलिए भाजपा ने हमेशा कांग्रेस का विरोध किया है और उनके खिलाफ खड़े होकर सरकार बनाई है. एनडीए का कांग्रेस से कोई समझौता हो सकता है, यह सोचना बेवकूफी है.

पाकिस्तानी कलाकारों के सोशल मीडिया अकाउंट से बैन हटने पर प्रतिक्रिया देते हुए निरुपम ने कहा कि भारत सरकार ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान के कुछ प्रभावशाली लोगों और कलाकारों के भारत विरोधी सोशल मीडिया अकाउंट्स ब्लॉक करवा दिए थे. इससे उनका भारत-विरोधी दुष्प्रचार बंद हो गया था. लेकिन अब अचानक खबर आई है कि वे अकाउंट्स फिर से भारत में दिखने लगे हैं, जो बेहद चिंताजनक है. ऐसे पाकिस्तानियों को जो सोशल मीडिया पर भारत के खिलाफ जहर उगलते हैं, उन्हें दोबारा ब्लॉक किया जाना चाहिए. सरकार को इस पर तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए.

बिहार चुनाव में चंद्रशेखर और ओवैसी के साथ आने के सवाल पर निरुपम ने कहा कि सभी पार्टियां स्वतंत्र हैं और उन्हें चुनाव लड़ने से रोका नहीं जा सकता. लेकिन बिहार की जनता को तय करना होगा कि जो नेता सिर्फ चुनाव के समय सामने आते हैं, वे कितने उपयोगी हैं. उन्हें वोट देने या न देने से जनता को क्या लाभ या हानि होगी, इसका मूल्यांकन जनता को खुद करना चाहिए.

वहीं, कांवड़ यात्रा में ‘दुकानों के लाइसेंस’ मुद्दे पर ओवैसी के बयान ‘गुंडागर्दी रोके सरकार’ की निरुपम ने निंदा की. उन्होंने कहा कि कावड़ यात्रा शिवभक्तों की एक पवित्र यात्रा है, जिसमें श्रद्धालु लंबी दूरी तय कर भगवान शंकर का जलाभिषेक करते हैं. ओवैसी द्वारा इसे गुंडागर्दी कहना निंदनीय है और उन्हें अपना बयान तुरंत वापस लेना चाहिए. हिंदुओं की धार्मिक भावनाएं भी अहम हैं. जैसे हम मुस्लिम धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते हैं, वैसे ही हमारी भावनाओं को भी ठेस नहीं पहुंचाई जानी चाहिए. कांवड़ यात्रा के दौरान सात्विकता और शुद्धता बनाए रखना हमारी परंपरा है.

एएसएच/एकेजे