मुर्शिदाबाद, 3 जुलाई . उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार द्वारा कांवड़ यात्रा मार्ग में पड़ने वाली दुकानों के बाहर नेम प्लेट लगाए जाने को लेकर सियासत तेज हो गई है. इस मुद्दे पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन ने प्रतिक्रिया दी और कांवड़ यात्रा को लेकर राजनीति न करने की सलाह दी.
कांग्रेस नेता अधीर रंजन ने गुरुवार को मीडिया से बात करते हुए कहा, “कांवड़िए युग-युग से कांवड़ लेकर जाते हैं, लेकिन उनको लेकर जमकर राजनीति हो रही है. कांवड़ यात्रा को लेकर ये निर्देश दिया गया है कि जिस मार्ग पर कांवड़िए चलेंगे, वहां दुकान और रेस्टोरेंट के मालिकों का नाम लिखना अनिवार्य है. मुझे लगता है कि कांवड़ यात्रा को लेकर इस तरह से भेदभाव नहीं होना चाहिए, जो पिछले कई सालों से होता आ रहा है.”
उन्होंने कांवड़ यात्रा पर राजनीति करने वालों को नसीहत दी और कहा, “कांवड़िए अपने धर्म का पालन करते हुए व्रत रखते हैं, लेकिन मैं इतना ही कहूंगा कि कांवड़ यात्रा पर चुनावी रोटी सेकना सही नहीं है.”
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार ने फैसला किया है कि कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित सभी दुकानों को अपने साइनबोर्ड पर मालिक का नाम और पहचान दिखाना अनिवार्य होगा.
इस फैसले पर सपा समेत कई विपक्षी दलों ने सवाल उठाए हैं. विपक्ष के आरोपों पर भाजपा ने पलटवार किया और उन पर तुष्टिकरण की राजनीति का आरोप लगाया.
यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने गुरुवार को मीडिया से बात करते हुए कहा, “समाजवादी पार्टी के लोग हमेशा प्रदेश में तुष्टिकरण की राजनीति करते रहे हैं. उनका तुष्टिकरण का पुराना इतिहास है. हमारी प्रतिबद्धता कानून व्यवस्था को चाक-चौबंद करना है और हर स्थिति में कानून व्यवस्था को मेंटेन करेंगे. धर्म-कर्म के लिए कांवड़ यात्रा पर जाने वाले हमारे भाइयों को कोई दिक्कत न हो, इसकी व्यवस्था की जाएगी. साथ ही व्रत के दौरान खाने-पीने की दुकान शुद्ध मिले, इसकी भी व्यवस्था करेंगे.”
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एफएम/केआर