दिल्ली: सीएम रेखा गुप्ता ने पिछली सरकारों पर पर्यावरण की अनदेखी का लगाया आरोप

नई दिल्ली, 3 जुलाई . दिल्ली में वन महोत्सव 2025 के तहत ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान का दूसरा चरण शुरू हो गया है. इस मौके पर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि यह आयोजन दिल्ली के पर्यावरण के लिए एक नया अध्याय जोड़ रहा है. पिछली सरकारों ने इन कार्यक्रमों में कभी हिस्सा नहीं लिया. उन्होंने कभी दिल्ली के पर्यावरण की चिंता नहीं की और न ही पौधारोपण पर ध्यान दिया.

सीएम गुप्ता ने कहा कि मुझे खुशी है कि दिल्ली सरकार 2025 का वन महोत्सव कार्यक्रम चला रही है. इसमें दिल्ली के हर एक निवासी की जिम्मेदारी सुनिश्चित करेंगे. हर एक व्यक्ति समाज को दिशा देता है, उसकी भागीदारी सुनिश्चित करेंगे, और हर एक व्यक्ति पेड़ लगाए.

गुप्ता ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “पेड़ न केवल पर्यावरण को स्वच्छ रखते हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ हवा और बेहतर भविष्य सुनिश्चित करते हैं. यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम दिल्ली को हरा-भरा बनाएं.”

उन्होंने दिल्लीवासियों से अपील की कि वे इस अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें और अपने आसपास अधिक से अधिक पेड़ लगाएं.

दिल्ली सरकार में मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने भी इस अवसर पर दिल्ली सरकार की सराहना की. उन्होंने कहा कि वन महोत्सव 2025 दिल्ली के लिए एक ऐतिहासिक कदम है. दिल्ली वन महोत्सव 2025 दिल्ली के लिए एक नया मील का पत्थर है. जब पीएम मोदी ने ‘एक पेड़ मां के नाम’ से अभियान शुरू किया था, तब दिल्ली के तत्कालीन सीएम अरविंद केजरीवाल ने इसे अस्वीकार कर दिया था, क्योंकि इस अभियान को पीएम मोदी ने शुरू किया था. इससे दिल्ली को बहुत नुकसान हुआ. इसकी भरपाई दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता कर रही हैं. दिल्ली का विकास तभी होगा, जब दिल्ली हरी-भरी होगी. जब दिल्ली के लोग स्वच्छ हवा में सांस ले सकेंगे. आज का दिन बहुत ऐतिहासिक है. इस दिन से दिल्ली में 70 लाख पेड़ लगाने की शुरुआत हो रही है. इसमें दिल्ली का हर व्यक्ति हिस्सा लेगा.”

उन्होंने कहा कि 200 और 300 साल पुराने पेड़ों की प्रजातियों को प्रदर्शित किया गया. यह पहल दिल्लीवासियों को प्रकृति और पेड़ों से जोड़ेगी. दिल्ली सरकार ने इस अभियान को जन-जन तक पहुंचाने के लिए स्कूलों, कॉलेजों और सामाजिक संगठनों को शामिल करने की योजना बनाई है. यह कदम दिल्ली को स्वच्छ और हरा-भरा बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा.

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