फरीदाबाद, 2 जुलाई . जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया और पाकिस्तान और पीओके के आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया. भारत के हमले के बाद आतंकियों के समर्थन में पाकिस्तानी सेना आ गई और हिंदुस्तान में नापाक हमला करने की कोशिश की, लेकिन इंडियन एयरफोर्स ने पाकिस्तान के ड्रोन को आसमान में ही मार गिराया. इसके बाद दोनों देशों के डीजीएमओ के बीच फोन कॉल के बाद युद्धविराम हो गया. ऑपरेशन सिंदूर में अहम भूमिका निभाने वाली कर्नल सोफिया कुरैशी चर्चा में आईं. अब कर्नल सोफिया पर विवादित टिप्पणी करने के मामले में गठित एसआईटी टीम ने अपनी जांच पड़ताल तेज कर दी है.
हरियाणा स्थित अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद ने कर्नल सोफिया कुरैशी पर अपमानजनक टिप्पणी की थी. इस मामले की जांच के लिए Supreme court ने स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) गठित करने के आदेश दिए. आईपीएस ममता सिंह की अध्यक्षता में एसआईटी टीम बनी, जो जांच के लिए हरियाणा के फरीदाबाद पहुंची.
एसआईटी की टीम ने महिला आयोग की चेयरपर्सन रेनू भाटिया से पूछताछ की. आईपीएस ममता सिंह की अध्यक्षता में आईपीएस गंगाराम पूनिया और आईपीएस विक्रांत भूषण ने महिला आयोग की चेयरपर्सन रेनू भाटिया से सवाल जवाब किए. रेनू भाटिया ने ही प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी और फिर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था.
आपको बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ बयान देना प्रो. अली खान महमूदाबाद को भारी पड़ गया. हरियाणा की स्थानीय अदालत ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. इस पर प्रोफेसर ने Supreme court में स्थानीय अदालत के आदेश के खिलाफ याचिका दायर की, जहां से अली खान महमूदाबाद को जमानत मिल गई.
प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद पर आरोप लगा है कि उन्होंने सोशल मीडिया पर देश के सशस्त्र बलों के खिलाफ पोस्ट किया और कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. ऑपरेशन सिंदूर के बाद कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह देश के सामने आई थीं और पाकिस्तान के खिलाफ किए गए एक्शन की जानकारी दी थी.
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डीकेपी/जीकेटी