चंडीगढ़, 2 जुलाई . संविधान की प्रस्तावना में आपातकाल के दौरान जोड़े गए शब्द “धर्मनिरपेक्ष” और “समाजवादी” को लेकर एक बार फिर बहस तेज हो गई है. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने संविधान में दो शब्दों को बदलने को लेकर कहा कि इसके खिलाफ कांग्रेस जी जान से लड़ेगी. उनके इस बयान पर हरियाणा के बिजली, परिवहन और श्रम मंत्री अनिल विज ने मुख्य विपक्षी दल के खिलाफ जमकर हमला बोला.
हरियाणा के कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने कहा कि मल्लिकार्जुन खड़गे और उनकी पार्टी कांग्रेस बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर का सम्मान नहीं करती है. बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ने संविधान का निर्माण किया, कानून बनाया और उसमें हर वर्ग का ध्यान रखा, लेकिन उन्होंने “धर्मनिरपेक्ष” और “समाजवादी” शब्द संविधान में नहीं डाले.
उन्होंने कहा कि बाबा साहेब की इच्छा के विरुद्ध आपातकाल के दौरान इंदिरा गांधी ने देश के सारे मौलिक अधिकारों को कुचल दिया और आपातकाल लगाकर नेताओं को जेल के अंदर डाल दिया. एक भी कांग्रेसी नेता ने आज तक इमरजेंसी की निंदा नहीं की. इसका मतलब यह है कि ये लोगों के मौलिक अधिकारों और सामाजिक संस्थाओं का आदर सम्मान नहीं करते हैं.
अनिल विज ने प्रियांक खड़गे के आरएसएस को बैन करने के बयान पर कहा कि न नौ मन तेल होगा न राधा नाचेगी. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) विश्व का सबसे बड़ा संगठन है, जो 100 साल से देश में चरित्र निर्माण का काम कर रहा है और लोगों में राष्ट्रीयता की भावना भर रहा है और हजारों-लाखों प्रचारक लगे हुए हैं. मुझे नहीं लगता कि यह जो काम हम कर रहे हैं, कोई और पार्टी कर रही है. ऐसे में आरएसएस के बारे में बोलना राष्ट्र और राष्ट्रीयता के बारे में बोलना है, देश के खिलाफ बोलना है. देश का चरित्र निर्माण करने वाली संस्था के खिलाफ बोलने का मतलब है कि आप देश को चरित्रवान नहीं बनाना चाहते, देश को चरित्रहीन बनाना चाहते हैं.
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डीकेपी/एकेजे