मुंबई, 2 जुलाई . महाराष्ट्र के लातूर जिले में एक किसान के आत्महत्या करने की घटना सामने आई है. इसके बाद राज्य में किसानों की आत्महत्या को लेकर सियासत तेज हो गई है. विपक्षी दल कांग्रेस के नेता नाना पटोले ने बुधवार को कहा कि इससे राज्य में किसानों की बदहाल स्थिति उजागर होती है.
नाना पटोले ने समाचार एजेंसी से बातचीत में लातूर जिले में किसान की आत्महत्या को बेहद गंभीर मामला बताया. उन्होंने कहा, “इससे राज्य में किसानों की बदहाल स्थिति उजागर होती है. मैंने यह मुद्दा महाराष्ट्र विधानसभा में उठाया और इस पर चर्चा की मांग की, लेकिन सरकार और विधानसभा अध्यक्ष मिलकर हमारी आवाज दबाने की कोशिश कर रहे हैं. अब तक पिछले सीजन की बारिश से प्रभावित फसलों के लिए किसानों को मुआवजा नहीं मिला है. हमने यह बात भी सदन में रखी. प्राकृतिक आपदाओं से पीड़ित किसानों को भी अब तक कोई राहत नहीं दी गई है. यह सरकार पूरी तरह किसान विरोधी है. हम बार-बार सवाल उठा रहे हैं, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष सरकार को बचाने में लगे हुए हैं.
महाराष्ट्र में किसानों की आत्महत्या को लेकर शिवसेना विधायक दिलीप लांडे ने कहा, “मैं भी किसान का बेटा हूं. मौसम और बारिश की स्थिति के कारण किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. कभी बहुत ज्यादा बारिश होती है, कभी बहुत कम, जिससे किसानों को बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. सरकार पर जिन किसानों ने भरोसा जताया है, उनकी सेवा करना और उनका सम्मान करना हमारी जिम्मेदारी है. मैं इस जिम्मेदारी को गंभीरता से निभा रहा हूं. विधानसभा के भीतर भी लगातार किसानों की समस्याओं को सरकार के सामने रख रहा हूं और मांग कर रहा हूं कि उन्हें हरसंभव सहायता मिले.”
उन्होंने राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के एक साथ विजय उत्सव मनाने को लेकर कहा, “मुंबई महानगरपालिका और महाराष्ट्र के सभी प्रमुख शहरों, जिनमें जिला और तालुका परिषदें भी शामिल हैं, के लिए चुनाव होने वाले हैं. हर राजनीतिक दल अपने विचार लोगों के सामने रखेगा, चाहे वह गठबंधन, आंदोलन या जीत के जश्न के जरिए हो. यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा है.”
बता दें कि महाराष्ट्र के सरकारी प्राथमिक स्कूलों में हिंदी की अनिवार्यता के मुद्दे पर अब राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे 5 जुलाई को मुंबई में विजय रैली करेंगे.
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एएसएच/एकेजे