मुंगेरीलाल के हसीन सपने देख रहे हैं तेजस्वी यादव, जो पूरा नहीं होगा : जगदंबिका पाल

मुंबई, 2 जुलाई . राष्ट्रीय जनता दल(राजद) के नेता तेजस्वी यादव की ओर वक्फ कानून को लेकर दिए एक बयान पर भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने जोरदार हमला बोला है. भाजपा सांसद ने कहा कि तेजस्वी यादव मुंगेरीलाल की तरह हसीन सपने देख रहे हैं जो कभी पूरा नहीं होगा. जनता ने पहले भी उन्हें नकारा है और आगामी विधानसभा चुनाव में भी नकारने जा रही है.

हाल ही में बिहार के पटना स्थित गांधी मैदान में राजद नेता तेजस्वी यादव ने दावा किया कि अगर उनकी सरकार बनी तो वह नए वक्फ कानून को प्रदेश में लागू नहीं होने देंगे और इसे कूड़ेदान में फेंक देंगे.

तेजस्वी के इस बयान के बाद भाजपा के नेताओं की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया मिल रही है. भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने बुधवार को समाचार एजेंसी से बातचीत की. उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव को नहीं भूलना चाहिए कि कैसे बिहार की जनता ने उनके पिता को नकार दिया था. वे एकमात्र ऐसे नेता हैं जिनपर सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार के मामले हैं. बिहार की जनता को यह बात समझ आ गई है. फिर भी तेजस्वी आज मुसलमानों को सिर्फ वोट बैंक के तौर पर देख रहे हैं. वे सिर्फ मुस्लिम वोटों के लिए तुष्टीकरण की राजनीति कर रहे हैं और संविधान का अपमान कर रहे हैं.

भाजपा सांसद ने कहा कि बिहार की जनता फिर तेजस्वी यादव को नकार देगी. देश जज्बात के खिलवाड़ से नहीं, कानून से चलता है.

वक्फ कानून से जुड़े एक सवाल के जवाब में भाजपा सांसद ने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के दौरान ही भारत के मुसलमानों की दुर्दशा की जांच के लिए सच्चर समिति का गठन किया गया था, जो उस समय अत्यधिक गरीबी, शिक्षा की कमी और खराब स्वास्थ्य सेवा का सामना कर रहे थे. न्यायमूर्ति सच्चर ने 2006 की अपनी रिपोर्ट में अनुमान लगाया था कि वक्फ संपत्तियों से प्रति वर्ष लगभग 12,000 करोड़ रुपये की आय होनी चाहिए, फिर भी उनसे केवल 163 करोड़ रुपये की आय हो रही थी. आम गरीब मुसलमानों को इसका लाभ नहीं मिल रहा था. सच्चर कमेटी की रिपोर्ट को यूपीए ने लागू नहीं किया. आज पीएम मोदी ने इसे लागू किया तो कांग्रेस को इसी बात की तकलीफ हो रही है. वक्फ कानून का लाभ गरीब मुसलमानों, पसमांदा समाज, विधवाओं और अनाथ बच्चों को मिलेगा.

उन्होंने आगे कहा कि वक्फ के खिलाफ जो भी विपक्षी नेताओं की ओर से बयानबाजी की जा रही है. इसका एक ही लक्ष्य है कि देश को गुमराह करना. उन्होंने कहा कि विपक्षी दल जब सत्ता में थे तो उन्होंने सच्चर समिति की रिपोर्ट को लागू नहीं किया. जिससे गरीब मुसलमानों का भला होता. अब तुष्टिकरण की राजनीति के लिए बयानबाजी कर रहे हैं.

डीकेएम/जीकेटी