नई दिल्ली, 2 जुलाई . राष्ट्रीय जन सहयोग एवं बाल विकास संस्थान (एनआईपीसीसीडी) का आधिकारिक तौर पर नाम बदलकर सावित्रीबाई फुले राष्ट्रीय महिला एवं बाल विकास संस्थान कर दिया गया है. इसके अलावा, 4 जुलाई को झारखंड की राजधानी रांची में इसके एक नए केंद्र का उद्घाटन भी किया जाएगा.
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि नया नामकरण एनआईपीसीसीडी की उभरती भूमिका और पूरे देश में महिलाओं तथा बच्चों के विकास के लिए क्षेत्र-विशिष्ट, मिशन-संचालित समर्थन पर बढ़े फोकस को दर्शाता है. आउटरीच और क्षेत्रीय क्षमता निर्माण को मजबूत करने के उद्देश्य से रांची में इसके क्षेत्रीय केंद्र का उद्घाटन किया जा रहा है.
एनआईपीसीसीडी का मुख्यालय नई दिल्ली में है और वर्तमान में इसके क्षेत्रीय केंद्र बेंगलुरु, गुवाहाटी, लखनऊ, इंदौर और मोहाली में हैं. यह महिला एवं बाल विकास के क्षेत्र में प्रशिक्षण, अनुसंधान, दस्तावेजीकरण और क्षमता निर्माण के लिए शीर्ष निकाय के रूप में कार्य करता है. संस्थान अपने ऑनलाइन और शारीरिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से विभिन्न प्रमुख योजनाओं के तहत कार्यान्वयन तंत्र को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
यह केंद्र मंत्रालय के प्रमुख कार्यक्रमों – मिशन शक्ति, मिशन वात्सल्य और मिशन सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 की विशेष प्रशिक्षण तथा अनुसंधान आवश्यकताओं को पूरा करने का काम करेगा जिसमें झारखंड, बिहार, ओडिशा और पश्चिम बंगाल को कवर करने वाले पूर्वी क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया जाएगा.
नया क्षेत्रीय केंद्र बाल मार्गदर्शन और परामर्श में एडवांस डिप्लोमा भी प्रदान करेगा और इन राज्यों में अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं के लिए बेहतर पहुंच की सुविधा प्रदान करेगा. अनुमान है कि 115 जिलों में फैले चार राज्यों में मंत्रालय के मिशनों के तहत सात लाख से अधिक कार्यकर्ता काम करते हैं.
अन्नपूर्णा देवी ने कहा, “एनआईपीसीसीडी का नाम बदलकर सावित्रीबाई फुले राष्ट्रीय महिला एवं बाल विकास संस्थान करना भारत के अग्रणी समाज सुधारकों में से एक की विरासत को श्रद्धांजलि है और महिला एवं बाल-केंद्रित विकास के प्रति हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है.”
उन्होंने बताया कि रांची में नए क्षेत्रीय केंद्र का उद्घाटन पूर्वी क्षेत्र में विकेंद्रीकृत, क्षेत्र-विशिष्ट क्षमता निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा. यह केंद्र न केवल हमारे अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण और सहायता तक बेहतर पहुंच के साथ सशक्त बनाएगा, बल्कि जमीनी स्तर पर हमारे प्रमुख मिशनों को भी मजबूत करेगा.
—
वीकेयू/एकेजे