Mumbai , 2 जुलाई . सिंगर और एक्टर दिलजीत दोसांझ का समर्थन करने वाले पोस्ट को डिलीट करने को लेकर Actor नसीरुद्दीन शाह social media पर जमकर ट्रोल हो रहे हैं. इस बीच उन्होंने अपने फेसबुक अकाउंट पर जर्मन वैज्ञानिक और दार्शनिक जॉर्ज क्रिस्टोफ लिच्टेनबर्ग की एक पंक्ति साझा की, जिसका अर्थ काफी गहरा है.
उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट पर लिखा, ”बिना किसी की दाढ़ी को झुलसाए… सच की मशाल को किसी भी भीड़ के बीच ले जाना लगभग नामुमकिन है.”
उनके इस पोस्ट का मतलब है कि जब आप सच बोलते हो या सच दिखाने की कोशिश करते हो, तो बहुत सारे लोग इससे नाराज हो सकते हैं या उनकी भावनाएं आहत हो सकती हैं. सच बोलना आसान नहीं होता, क्योंकि सच सामने रखने पर कुछ लोग असहज या परेशान हो जाते हैं.
इस पंक्ति के जरिए नसीरुद्दीन शाह ने उन आलोचनाओं का जवाब दिया जो उन्हें अपनी पोस्ट डिलीट करने के बाद झेलनी पड़ रही हैं.
दरअसल, नसीरुद्दीन शाह ने ‘सरदार जी 3’ में Pakistanी एक्ट्रेस हानिया आमिर की मौजूदगी को लेकर विवादों में फंसे दिलजीत दोसांझ का समर्थन किया था.
उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा था, “मैं दिलजीत के साथ पूरी मजबूती से खड़ा हूं. जुमला पार्टी का ‘डर्टी ट्रिक्स डिपार्टमेंट’ बहुत समय से दिलजीत पर हमला करने का मौका ढूंढ रहा था. अब उन्हें लगता है कि आखिरकार वो मौका मिल गया है.”
Actor ने अपनी पोस्ट में आगे लिखा था, ”फिल्म की कास्टिंग के लिए दिलजीत जिम्मेदार नहीं हैं, निर्देशक हैं. लेकिन कोई नहीं जानता कि वह कौन हैं, जबकि दिलजीत को पूरी दुनिया जानती है. उन्होंने कास्ट के लिए इसलिए हामी भरी क्योंकि उनके दिमाग में कोई जहर नहीं भरा हुआ था. लेकिन कुछ गुंडे India और Pakistan के आम लोगों के बीच रिश्ते और मेल-जोल खत्म करना चाहते हैं, पर हम ऐसा नहीं होने देंगे. मेरे खुद के कुछ करीबी रिश्तेदार और दोस्त Pakistan में हैं, और मुझे उनसे मिलने या प्यार करने से कोई नहीं रोक सकता. जो लोग कहेंगे ‘Pakistan जाओ’, उन्हें मेरा जवाब है ‘कैलासा जाओ’.”
social media पर आलोचना होने के बाद नसीरुद्दीन शाह ने इस पोस्ट को डिलीट कर दिया था.
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पीके/एबीएम