New Delhi, 1 जुलाई . भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता गौरव वल्लभ ने के साथ विशेष बातचीत में India Government की Prime Minister रोजगार सृजन योजना और बिहार में इंडी गठबंधन की विफलताओं पर तीखी टिप्पणी की.
उन्होंने कहा कि केंद्र Government ने 99,500 करोड़ रुपए के आउटले के साथ रोजगार सृजन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को स्पष्ट रूप से प्रदर्शित किया है. इस योजना के तहत 3.50 करोड़ लोगों को रोजगार प्रदान करने का लक्ष्य रखा गया है, जो विशेष रूप से सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) और विनिर्माण क्षेत्र (मैन्युफैक्चरिंग) को बढ़ावा देगा. इस योजना के तहत उन कंपनियों को सब्सिडी प्रदान की जाएगी, जो नए रोजगार सृजन में वृद्धि करेंगी. खासकर उन एमएसएमई और विनिर्माण इकाइयों को प्रोत्साहन मिलेगा, जो नए उद्योग स्थापित करना चाहती हैं, लेकिन उनकी वित्तीय स्थिति या टॉपलाइन इसे अनुमति नहीं देती. यह योजना न केवल रोजगार के अवसर बढ़ाएगी, बल्कि देश की जीडीपी में भी वृद्धि करेगी.
उन्होंने दावा किया कि वर्तमान में लगभग 3 प्रतिशत की बेरोजगारी दर को इस योजना के परिणामस्वरूप अगले कुछ वर्षों में 1 प्रतिशत तक लाया जाएगा. यह India Government की उस प्रतिबद्धता का प्रतीक है कि हर हाथ को उचित रोजगार मिले. Prime Minister Narendra Modi के नेतृत्व में India की वैश्विक स्थिति मजबूत हुई है.
उन्होंने कर्नाटक में कांग्रेस Government पर भ्रष्टाचार, गुटबाजी और असंवेदनशीलता का आरोप लगाते हुए तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि कर्नाटक, जो कभी देश का आईटी हब के रूप में जाना जाता था, आज कांग्रेस के कुशासन के कारण भ्रष्टाचार का पर्याय बन गया है. उन्होंने इसे भ्रष्टाचार की शिरोमणि Government, गुटबाजी में शिरोमणि Government और असंवेदनशीलता का इम्तिहान पार करने वाली Government करार दिया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने स्वीकार किया कि उनके पास कोई वास्तविक शक्ति नहीं है और वह केवल एक मुखौटा हैं, जबकि निर्णय गांधी परिवार द्वारा लिए जाते हैं. यह सच्चाई है कि कांग्रेस अध्यक्ष के ऊपर भी एक हाईकमान है.
उन्होंने कर्नाटक में सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच चल रही गुटबाजी का उदाहरण देते हुए कहा कि दोनों नेता एक-दूसरे को हटाने की मांग कर रहे हैं, जबकि जनता दोनों को और कांग्रेस Government को हटाने की बात कह रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि गठबंधन ने बिहार विधानसभा चुनाव से पहले ही अपनी हार स्वीकार कर ली है. उन्होंने कहा कि गठबंधन के दल बिहार के लोगों के मताधिकार को अवैध रूप से India में प्रवेश करने वाले विदेशी नागरिकों को देने की वकालत कर रहे हैं, जो बिहार के लोगों के हितों के खिलाफ है.
गौरव वल्लभ ने सवाल उठाया कि इंडिया गठबंधन बिहार के लोगों के हक का पैसा अवैध प्रवासियों पर क्यों खर्च करना चाहता है. उन्होंने कहा, “चुनाव आयोग एक स्वतंत्र संस्था है, और हमें उससे कोई आपत्ति नहीं है. गठबंधन के दल अपनी शिकायतें वहां ले जा सकते हैं, लेकिन बिहार के लोग जवाब चाहते हैं कि उनके अधिकारों को क्यों छीना जा रहा है.”
–
एकेएस/एबीएम