डिजिटल इंडिया के 10 साल : कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सरकार के दावों पर उठाए सवाल

New Delhi, 1 जुलाई . Prime Minister Narendra Modi की महत्वपूर्ण पहल ‘डिजिटल इंडिया’ के 10 साल पूरे होने पर भाजपा इसकी प्रशंसा कर रही है. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस पर कई सवाल उठाए हैं. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष खड़गे ने तीन अहम विषयों पर फोकस करते हुए Government की खामियों को गिनाया है.

मल्लिकार्जुन खड़गे ने Tuesday को social media प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट लिखा. इसे खड़गे ने “मोदी Government के डिजिटल इंडिया के दावों की असलियत” टाइटल दिया.

कांग्रेस अध्यक्ष ने सबसे पहले Government की कुछ घोषणाओं को गिनाते हुए उन्हें ‘अधूरे वादे और झूठे दावे’ करार दिया. खड़गे ने लिखा, “भारतनेट परियोजना के तहत 26 जून 2025 तक 6.55 लाख गांवों को ब्रॉडबैंड से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया था. इनमें से 4.53 लाख गांव (करीब 65%) आज भी इससे वंचित हैं. इस परियोजना की डेडलाइन पिछले 11 साल में कम से कम 8 बार बदली गई है. सिर्फ 0.73 प्रतिशत यानी 766 ग्राम पंचायतों में ही एक्टिव वाई-फाई सेवा उपलब्ध है.”

खड़गे ने कहा, “जब निजी कंपनियां 5जी का विकल्प चुन रही हैं, तब बीएसएनएल ने अभी तक 1 लाख 4जी टावर लगाने का अपना लक्ष्य पूरा नहीं किया है. एक तिहाई टावर लगाने बाकी हैं. बीएसएनएल को तीन बार रिवाइवल पैकेज (2019 में 69,000 करोड़ रुपए, 2022 में 1.64 लाख करोड़ और 2023 में 89,047 करोड़ रुपए) दिया गया, लेकिन इसके बावजूद भी प्रगति बेहद धीमी है.”

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, “बीएसएनएल का कर्ज 291.7 प्रतिशत बढ़कर मार्च 2014 में 5,948 करोड़ से मार्च 2024 में 23,297 करोड़ रुपए हो गया. इसी अवधि में एमटीएनएल का कर्ज 136.2 प्रतिशत बढ़कर 14,210 करोड़ से 33,568 करोड़ रुपए हो गया. समाज के एक बड़े वर्ग का डिजिटल बहिष्कार हुआ है. देश में 15 साल और उससे अधिक आयु के 75.3 प्रतिशत लोग कंप्यूटर का उपयोग करना नहीं जानते हैं. इसमें ग्रामीण क्षेत्रों में 81.9 प्रतिशत और शहरी क्षेत्रों में 60.4 प्रतिशत शामिल हैं, जो डिजिटल कौशल में महत्वपूर्ण अंतर को उजागर करता है.”

कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे कहा, “आधार आधारित भुगतान की शर्त लगाकर लगभग 7 करोड़ पंजीकृत श्रमिकों को मनरेगा से बाहर रखा गया.” इसी तरह ‘यूडीआईएसई रिपोर्ट 2023-24’ का हवाला देते हुए खड़गे ने कहा, “54 प्रतिशत Governmentी स्कूलों में इंटरनेट कनेक्शन नहीं हैं, 79 प्रतिशत में डेस्कटॉप कंप्यूटर नहीं हैं, 85 प्रतिशत में प्रोजेक्टर नहीं हैं और 79 प्रतिशत में स्मार्ट क्लासरूम नहीं हैं.”

उन्होंने कहा कि कथित तौर पर खुद Prime Minister ने मंत्रियों और सचिवों को बताया कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद से India में 10 करोड़ से ज़्यादा साइबर हमले हुए. 2020 से 2024 तक साइबर सुरक्षा की घटनाओं में लगभग 76.25 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. ये मामले 2020 में 11.58 लाख से बढ़कर 2024 में 20.41 लाख से ज्यादा हो गए. 2022 और 2024 के बीच India में डिजिटल गिरफ्तारी घोटाले और उससे जुड़े साइबर अपराध लगभग तीन गुना बढ़ गए हैं और नुकसान की गई राशि 21 गुना बढ़ गई है. त्रुटिपूर्ण डेटा प्रोटेक्शन कानून के जरिए कांग्रेस की ओर से लाया गया आईटीआई अधिनियम कमजोर किया जा रहा है. नोटबंदी के वक्त कहा गया था कि कैश लेनदेन कम हो जाएगा, लेकिन पिछले साल भी प्रचलन में नकदी बढ़ी है.

उन्होंने कहा, “यह बात रिकॉर्ड में दर्ज करनी होगी कि तत्कालीन Prime Minister मनमोहन सिंह की Government के समय हमने आधार और यूपीआई आर्किटेक्चर के जरिए डायरेक्ट बेनिफिट्स की व्यवस्था बनाई, जिसने India को डिजिटल लेनदेन में एक अग्रणी देश बना दिया.”

उन्होंने नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) और डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर योजना जैसी योजनाओं का भी श्रेय लिया. खड़गे ने कहा, “राष्ट्रीय उपलब्धियों को नजरअंदाज करके और डिजिटल इंडिया का श्रेय लेने की कोशिश करने की बजाय आपकी Government को अपनी कई असफलताओं और धोखाधड़ी पर विचार करना चाहिए.”

डीसीएच/एबीएम