सेविले (स्पेन), 1 जुलाई . वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इंटरनेशनल बिजनेस फोरम लीडरशिप समिट के दौरान कई द्विपक्षीय बैठकें कीं, जहां उन्होंने रक्षा, शिक्षा, टेक्नोलॉजी और कृषि सहित अन्य क्षेत्रों में आपसी हित के क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा की.
उन्होंने न्यूजीलैंड के साइंस, इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी मिनिस्टर डॉ. शेन रेती से मुलाकात की. दोनों मंत्रियों ने रक्षा, शिक्षा, टेक्नोलॉजी और कृषि में आपसी हित के क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा की.
वित्त मंत्री ने बैंकिंग, बुलियन एक्सचेंज, पूंजी बाजार, फंड इकोसिस्टम, फिनटेक, इंश्योरर्स और रिइंश्योरर्स के संदर्भ में गिफ्ट-आईएफएससी में उपलब्ध विश्व स्तरीय अवसरों पर चर्चा की.
वित्त मंत्रालय द्वारा एक्स पर एक पोस्ट के अनुसार, “उन्होंने शैक्षिक आदान-प्रदान को भारत-न्यूजीलैंड संबंधों की आधारशिला बताया, जिसमें कई भारतीय छात्र न्यूजीलैंड में उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं.”
डॉ. रेती ने द्विपक्षीय रूप से शिक्षा क्षेत्र के संबंधों को बढ़ाने की आवश्यकता पर सहमति व्यक्त की और प्रशांत क्षेत्र के साथ जुड़ने में न्यूजीलैंड के अनुभव को भी साझा किया.
वित्त मंत्री सीतारमण ने प्रशांत द्वीप देशों के साथ भारत की मजबूत साझेदारी पर प्रकाश डाला और प्रशांत द्वीप मंच के माध्यम से न्यूजीलैंड के साथ जुड़ाव बढ़ाने की आशा व्यक्त की.
उन्होंने ‘एफएफडी4’ बैठक के दौरान पेरू के विदेश मंत्री एल्मर शियालर से भी मुलाकात की.
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, दोनों नेताओं ने फिनटेक, व्यापार, निवेश, खनन और रक्षा के साथ-साथ इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं, विशेष रूप से रेलवे में सहयोग की संभावनाओं पर रणनीतिक साझेदारी को गहरा करने पर चर्चा की.
वित्त मंत्री सीतारमण ने रेल संपर्क बनाने और रोलिंग स्टॉक के निर्माण में भारत की विशेषज्ञता पर प्रकाश डाला.
शियालर ने कहा कि वह पेरू में विकसित किए जा रहे तीन रेल संपर्कों के लिए अंतरराष्ट्रीय बोलियों में भारत की भागीदारी की प्रतीक्षा कर रहे हैं.
वित्त मंत्री ने पेरू को निर्यात में विविधता लाने में विशेष रूप से ऑटोमोबाइल, फार्मास्यूटिकल्स, कपड़ा, इंजीनियरिंग सामान और आईटी सेवाओं में भारत की रुचि साझा की और पेरू से तांबा और लिथियम जैसे महत्वपूर्ण खनिजों के आयात को महत्व दिया.
उन्होंने जर्मनी की विकास मंत्री रीम अलाबली से भी मुलाकात की. उन्होंने इंडिया-जर्मनी ग्रीन एंड सस्टेनेबल डेवलपमेंट पार्टनरशिप के अंतर्गत सहयोग के विभिन्न पारस्परिक क्षेत्रों पर चर्चा की, जिसमें ग्रीन एंड रिन्यूएबल एनर्जी, अर्बन मोबिलिटी एंड सस्टेनेबल अर्बन डेवलपमेंट और इकोलॉजी के माध्यम से सस्टेनेबल आजीविका शामिल हैं.
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