नई दिल्ली, 1 जुलाई . वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि डिजिटल इंडिया महज एक सरकारी कार्यक्रम नहीं रह गया है, बल्कि यह एक जन आंदोलन बन गया है.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा कि ‘डिजिटल इंडिया’ ‘आत्मनिर्भर भारत’ के निर्माण और भारत को दुनिया के लिए एक विश्वसनीय इनोवेशन पार्टनर बनाने से जुड़ा है.
वित्त मंत्री ने ‘डिजिटल इंडिया’ मिशन के 10 सफल वर्ष पूरे होने पर लिखा, “देश के दूरदराज के इलाकों में इंटरनेट की पहुंच बनाने से लेकर सरकारी सेवाओं को ऑनलाइन उपलब्ध कराने तक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की ‘डिजिटल इंडिया’ पहल ने वास्तव में पूरे देश में डिजिटल डिवाइड को खत्म कर दिया है.”
उन्होंने एक दूसरी पोस्ट में लिखा, “स्कैन, पे, डन. भारत की यूपीआई क्रांति दुनिया के लगभग आधे रियल टाइम के डिजिटल लेनदेन को संचालित करती है.”
केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के अनुसार, यूपीआई, डीबीटी, जीईएम, ओएनडीसी, स्वामित्व और कई अन्य पहलों के साथ, देश डिजिटल गवर्नेंस से ग्लोबल डिजिटल लीडरशिप की ओर बढ़ रहा है.
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लिखते हैं, जब इरादा सही हो, तो इनोवेशन कम सशक्त लोगों को सशक्त बनाता है.”
पीएम मोदी ने लिंक्डइन पर एक पोस्ट में कहा कि ‘डिजिटल इंडिया’ ‘आत्मनिर्भर भारत’ के निर्माण और भारत को दुनिया के लिए एक विश्वसनीय इनोवेशन पार्टनर बनाने के लिए महत्वपूर्ण है.
पीएम मोदी ने कहा, “दशकों तक भारतीयों की तकनीक का उपयोग करने की क्षमता पर संदेह किया गया, “हमने इस दृष्टिकोण को बदल दिया और भारतीयों की तकनीक का उपयोग करने की क्षमता पर भरोसा किया.”
केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि ‘डिजिटल इंडिया’ ने ई-नाम के माध्यम से कृषि में क्रांति ला दी है, जिससे किसान देश भर के खरीदारों से सीधे जुड़ सकते हैं.
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “व्यापार में 4 लाख करोड़ रुपए और 1,400 से अधिक मंडियों में 1.7 करोड़ किसानों को सशक्त बनाने के साथ यह प्रभाव वास्तविक है, जो कि पीएम मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में एक साहसिक कदम है.”
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