Mumbai , 30 जून . Maharashtra Government के तीन भाषा नीति को वापस लेने के निर्णय का कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद रजनी पाटिल ने स्वागत किया है. उन्होंने Monday को कहा कि इस फैसले के पीछे विपक्ष के सामूहिक दबाव और विरोध की अहम भूमिका रही है.
रजनी पाटिल ने कहा, “हम सभी ने इस नीति के खिलाफ दबाव बनाना शुरू किया था और इसका सामूहिक रूप से विरोध किया. मेरा मानना है कि यही कारण है कि Government को त्रिभाषा फॉर्मूले को वापस लेना पड़ा.”
पार्टी की रणनीति और Maharashtra में संगठन को मजबूत करने के लिए चल रही तैयारियों पर कांग्रेस सांसद ने कहा कि पार्टी राज्य में अपनी स्थिति को और सशक्त करने के लिए लगातार बैठकें कर रही है और योजनाएं तैयार की जा रही हैं. राज्य स्तर पर नेतृत्व विचार-विमर्श कर सकता है, लेकिन पार्टी से संबंधित कोई भी अंतिम निर्णय हाईकमान द्वारा लिया जाएगा. पार्टी Maharashtra में जनता के मुद्दों को उठाने और संगठन को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है. पार्टी आगामी दिनों में और अधिक सक्रियता के साथ जनता के बीच जाएगी और उनकी समस्याओं को प्रमुखता से उठाएगी.
रजनी पाटिल ने Lok Sabha में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के उस बयान का भी जिक्र किया, जिसमें उन्होंने Maharashtra में पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में कथित तौर पर वोटों की चोरी का मुद्दा उठाया था. उन्होंने कहा, “राहुल गांधी ने बार-बार इस मुद्दे को उठाया है कि Maharashtra में वोटों की चोरी हुई है. हमारी बैठकों में इस पर विस्तार से चर्चा हुई. हम इन सभी मुद्दों को लेकर जनता के बीच जाएंगे और सच्चाई सामने लाने का काम करेंगे. कांग्रेस जनता तक पहुंचकर अपनी बात को स्पष्ट तरीके से रखेगी और संगठन को मजबूत करने के लिए ठोस कदम उठाएगी.”
Maharashtra नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे और शिवसेना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे के बीच संभावित गठबंधन की अटकलों पर भी कांग्रेस नेता ने कहा कि इस मुद्दे पर हाल की बैठक में कोई चर्चा नहीं हुई और पार्टी इस पर कोई तत्काल प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं करेगी. इस तरह के सियासी घटनाक्रम पर हम यहां चर्चा कर सकते हैं, लेकिन आगे की दिशा और रणनीति केंद्रीय नेतृत्व द्वारा तय की जाएगी.
–
एकेएस/एकेजे