New Delhi/मुरादाबाद, 30 जून . सावन महीने में शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा से पहले ‘मीट शॉप’ का मुद्दा तेजी से गरमाया है. मौलाना साजिद रशीदी ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश और दिल्ली में सरकारों ने आदेश दिया है कि कांवड़ यात्रा के दौरान मीट की दुकानें बंद रहेंगी. साजिद रशीदी ने कहा कि ये सरकारों का तुगलकी फरमान है, “हम इसका खुलकर विरोध करते हैं”.
मौलाना साजिद रशीदी ने एक बयान में कहा, “कांवड़ यात्रा चालू हो रही है. ये आपकी (हिंदुओं) आस्था है, अपनी आस्था को बनाए रखिए. मगर ऐसा कहां संविधान में लिखा है कि आप दूसरे धर्म पर आपत्ति जाहिर करें, उनको परेशान करें? यह नाजायज तरीके से किया जा रहा है. कांवड़ यात्रा के दौरान कोई भी मीट की दुकान नहीं खुलेगी, यह संविधान में भी नहीं लिखा है.”
साजिद रशीदी ने State government ों से अपील करते हुए कहा, “सरकार एक समुदाय की नहीं होती, बल्कि सभी समुदायों की होती है. अगर आपको मीट की दुकान बंद करनी है तो एक सरल सुझाव है कि आप उन सभी दुकानदारों को जब तक कांवड़ यात्रा निकल रही है, तब तक हर रोज पांच हजार रुपए दें. इससे उनकी दुकान बंद रहेगी, मगर उनकी रोजी-रोटी भी चलती रहेगी.”
उन्होंने कहा, “सिर्फ दुकानें बंद करने के लिए आदेश दे देना, यही बिल्कुल सही नहीं है. संविधान यह नहीं कहता है कि आप एक धर्म के लिए काम करें और दूसरे धर्म को भूखा मरने के लिए छोड़ दें.”
इसी तरह इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मौलाना कौसर हयात खान ने कांवड़ यात्रा पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा, “एक तरफ आपका आदेश है कि एक व्यक्ति भी सार्वजनिक जगह पर नमाज नहीं पढ़ सकता है, जबकि दूसरी तरफ आप कांवड़ यात्रा के लिए सार्वजनिक स्थानों को बंद कर रहे हैं, जिससे करोड़ों लोगों को परेशानी हो रही है. आप एकतरफा सरकार चला रहे हैं.”
‘मीट शॉप’ के मुद्दे पर मौलाना कौसर हयात खान ने कहा, “आप अपने धार्मिक आयोजन बेहतर से बेहतर तरीके से करें, लेकिन मुसलमानों के खिलाफ इस तरह का काम ठीक नहीं है.” उन्होंने सवाल उठाए कि कांवड़ यात्रा के दौरान शराब की दुकानें क्यों बंद नहीं की गई हैं.
कौसर हयात खान ने कहा, “कांवड़ यात्रा में भाग लेने वाले लोग हमसे ज्यादा मीट खाते हैं. यह हास्यास्पद है. क्या अब आप मुसलमानों से उनकी दुकानों के नाम बताने को कह रहे हैं, सिर्फ इसलिए कि उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए?”
–
डीसीएच/एकेजे