नौसेना में दुश्मन का काल शक्तिशाली युद्धपोत ‘तमाल’ होगा शामिल

नई दिल्ली, 30 जून . भारतीय नौसेना को एक अत्याधुनिक व बेहद शक्तिशाली युद्धपोत ‘तमाल’ मिलने जा रहा है. भारत का यह नया युद्धपोत 1 जुलाई को नौसेना में कमीशन होगा. यह युद्धपोत ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल से लैस है.

युद्धपोत तमाल में वर्टिकल लॉन्च सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें हैं. यह उन्नत 100 मिमी गन, अत्याधुनिक सिस्टम, हेवीवेट टॉरपीडो व त्वरित हमला करने वाले एंटी-सबमरीन रॉकेट से भी लैस है. इसके अलावा यह अत्याधुनिक युद्धपोत नेटवर्क सेंट्रिक वॉरफेयर क्षमता और आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली युक्त है. यह 30 नॉट्स से अधिक की गति और लंबी समुद्री दूरी तक संचालन कर सकता है.

भारतीय नौसेना का कहना है कि वह अपने नए युद्धपोत के लिए पूरी तरह से तैयार है. भारत को उसका यह युद्धपोत रूस से मिलने वाला है. यह रूस के कालिनिनग्राद में कमीशन होगा. नवीनतम स्टेल्थ मल्टी-रोल फ्रिगेट ‘तमाल’ रूस के कालिनिनग्राद में भारतीय नौसेना में शामिल होगा. ‘तमाल’ क्रिवाक क्लास फ्रिगेट्स की श्रृंखला का आठवां और तुशील क्लास का दूसरा युद्धपोत है.

इस युद्धपोत में 250 से अधिक नौसैनिक हैं, जिन्होंने सेंट पीटर्सबर्ग और कालिनिनग्राद की कठोर सर्दियों में व्यापक प्रशिक्षण प्राप्त किया है. तमाल ने बीते तीन महीनों में कई गहन समुद्री परीक्षण सफलतापूर्वक पूरे किए हैं. महत्वपूर्ण बात यह भी है कि इस परियोजना के तहत भारत में भी गोवा शिपयार्ड लिमिटेड में रूसी तकनीक और डिजाइन सहयोग से त्रिपुट क्लास के दो फ्रिगेट्स का निर्माण किया जा रहा है.

इस पूरी श्रृंखला के पूरा होने के बाद भारतीय नौसेना के पास समान क्षमताओं वाले 10 युद्धपोत होंगे. इससे समुद्र में भारतीय नौसेना की शक्ति में जबरदस्त इजाफा होगा. भारतीय नौसेना को मिलने जा रहे युद्धपोत तमाल का निर्माण रूस के यंतर शिपयार्ड, कालिनिनग्राद में किया गया है. यह विदेश से प्राप्त होने वाला अंतिम युद्धपोत होगा.

भारत सरकार की ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ पहल के अनुरूप इस युद्धपोत में 26 स्वदेशी उपकरण लगाए गए हैं. इन उपकरणों में समुद्र और जमीन पर लक्ष्य भेदने में सक्षम ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल भी शामिल है.

‘तमाल’ नाम देवताओं के राजा इंद्र की युद्ध में इस्तेमाल होने वाली मायथिकल तलवार से प्रेरित है. यह भारतीय और रूसी युद्धपोत निर्माण की सर्वोत्तम तकनीकों का प्रतीक है. यह भारत-रूस की दीर्घकालिक रणनीतिक साझेदारी को और सुदृढ़ करेगा. कमीशन के बाद यह जहाज भारतीय नौसेना के पश्चिमी बेड़े में शामिल होकर भारत की समुद्री सुरक्षा को और मजबूत बनाएगा.

जीसीबी/एबीएम