चुनाव आयोग के मतदाता पुनरीक्षण पर तेजस्वी यादव का तंज, भाजपा ने भी किया पलटवार

जमुई, 30 जून . बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता पुनरीक्षण के कार्य को लेकर तेजस्वी यादव ने सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि आयोग का क्या एजेंडा है कि चुनाव के दो महीने बचे हैं और इसकी अचानक शुरुआत की गई. बिना किसी राजनीतिक दल से विचार किए हुए इतना बड़ा फैसला लेना, इसमें कहीं न कहीं साजिश की बू आ रही है.

जमुई में पत्रकारों से बातचीत में राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि Chief Minister नीतीश कुमार और भाजपा के लोग चुनाव हारने को लेकर डरे हुए हैं. अभी फरवरी में ही नई लिस्ट आई थी. 2003 में जब देशभर में नई मतदाता सूची बनी थी, तब उसे तैयार करने में पूरे दो साल लगे थे. इसके लिए ऐसा समय चुना गया है, जब बिहार के अधिकांश इलाके बाढ़ से प्रभावित होते हैं. अब अधिकारी लोगों की जान बचाएंगे या मतदाता सूची के लिए कागज मांगेंगे.

उन्होंने कहा कि ऐसे-ऐसे कागजात मांगे जा रहे हैं, जो अधिकांश गरीबों के पास नहीं हैं. यह बात संदेह पैदा करती है. यह संभव नहीं है. यह एनडीए सरकार की साजिश है, जिसका मकसद गरीब, वंचित और शोषित वर्गों के मतदाताओं का नाम लिस्ट से काटना है. पहले मतदाता सूची से नाम हटेगा, इसके बाद पेंशन-राशन बंद होगा. जो पलायन कर चुके हैं, जो बुजुर्ग हैं, उनके लिए क्या व्यवस्था है. यह बहुत ही गंभीर मसला है.

उन्होंने यह भी कहा कि यह केवल बिहार में ही होगा. इसी मतदाता सूची से तो Lok Sabha चुनाव हुए थे. पहले सभी राजनीतिक दलों से विचार किया जाना चाहिए था. इसके बाद योजना बनाई जाती थी. भाजपा डरी हुई है, इसलिए साजिश रची जा रही है.

तेजस्वी यादव ने केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के नौकरी के बदले जमीन लिखवाने वाले बयान पर कहा कि हमने पांच लाख नौकरियां दी. चिराग पासवान में हिम्मत है तो एक भी व्यक्ति को लाकर दिखाएं, जिससे हमने जमीन लिखवाई हो, तब उन्हें बोलने का हक है. चिराग पासवान जमुई से इतने साल सांसद रहे, लेकिन अपना एक स्थायी कार्यालय तक नहीं खोल सके.

दूसरी तरफ, उप Chief Minister विजय कुमार सिन्हा ने पटना में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि तेजस्वी यादव, राजद अध्यक्ष लालू यादव के ही पुत्र हैं. लालू यादव, जो कहते थे कि बिहार बंटने नहीं देंगे, वे कहते थे कि हमारे शव पर बिहार का बंटवारा होगा, लेकिन जब भाजपा ने अलग झारखंड राज्य बनाने का फैसला लिया तो सरेंडर कर गए. इनकी मानसिकता सत्ता के लिए समझौता करने की रही है.

उन्होंने तेजस्वी यादव के वक्फ कानून को कूड़ेदान में फेंकने वाले बयान पर कहा कि जो कानून Lok Sabha के मंदिर से पास हुआ है, उसको कैसे फेंक देंगे? संवैधानिक संस्था का अपमान करने की मानसिकता इनकी शुरू से रही है. ये जंगलराज वाले लोग हैं और गुंडाराज में बिहार को तब्दील करना चाहते हैं. उन्माद पैदा कर तुष्टिकरण की राजनीति से सत्ता तक पहुंचना चाहते हैं. ऐसी मानसिकता वाले लोगों पर बिहार की जनता को विश्वास नहीं है.

उन्होंने कहा कि गरीबों का मसीहा बनकर गरीबों को लूटकर चारा खाने वाले का पुत्र चार्टर्ड विमान में बर्थडे मनाने वाला है, जो जनता का हितैषी कतई नहीं हो सकता.

मंत्री अशोक चौधरी ने तेजस्वी यादव के बयान पर कहा कि ये दावा करते हैं कि उनका समीकरण एम-वाई वाला है. एम वालों को देखना है कि उनके लिए उस 15 साल में क्या किया गया. कितने अल्पसंख्यकों का विकास हुआ, कितने मदरसों और अल्पसंख्यक बच्चों को छात्रवृत्ति मिली, कितने छात्रावास बने? ये सिर्फ हिंदू-मुस्लिम करते हैं, जाति-धर्म को दिखाकर वोट लेते हैं. हमारे नेता नीतीश कुमार विकास की बात करते हैं.

एमएनपी/एबीएम