चुनाव आयोग का मतदाता पुनरीक्षण बड़ा मुद्दा, पता नहीं उनकी मंशा क्या है : अशोक गहलोत

पटना, 30 जून . बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता पुनरीक्षण को लेकर कांग्रेस ने सरकार और चुनाव आयोग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इसे लेकर कांग्रेस के नेता भाजपा को भी कटघरे में खड़ा कर रहे हैं.

इसी बीच बिहार की राजधानी पटना पहुंचे राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी चुनाव आयोग पर सवाल उठाए हैं.

पटना में मीडिया से बातचीत में राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, “वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन बड़ा मुद्दा है. पता नहीं इनकी मंशा क्या है?”

उन्होंने कहा कि हम बार-बार कहते हैं कि ये लोकतंत्र को खत्म करना चाहते हैं. हम समझते हैं कि वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन का फैसला भी कंफ्यूजन पैदा कर रहा है. इसे लेकर स्पष्टता से चुनाव आयोग भी कुछ बता नहीं रहा है.

उन्होंने कहा कि बिहार में चुनाव से पहले यह बिना विपक्ष को विश्वास में लिए हुए नई पहल कर रहे हैं. चुनाव आयोग की जिम्मेदारी होती है कि वह पक्ष-विपक्ष से बातचीत करे, उसे सहभागी बनाए और उसके बाद फैसला करे. इस प्रकार से एकतरफा फैसले करना उचित नहीं है. इससे जनता में विश्वास भी समाप्त हो रहा है.

उन्होंने आगे कहा कि यहां के जो लोग दिल्ली में काम करते हैं, वे भी जब वहां मिलते हैं तो बताते हैं कि हम अपने मां-बाप का बर्थ सर्टिफिकेट कैसे लाएंगे. इस तरह की कंफ्यूजन बनती जा रही है. उन्होंने चुनाव आयोग को सलाह देते हुए कहा कि जल्द इस तरह के कंफ्यूजन को दूर करना चाहिए.

उल्लेखनीय है कि बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव होने वाला है, इससे पहले चुनाव आयोग मतदाता पुनरीक्षण का कार्य कर रहा है. इसके तहत 25 जून से 26 जुलाई तक घर-घर सर्वेक्षण का कार्य होगा. इस कार्य को सत्ता पक्ष जहां सही बता रहा है, वहीं विपक्ष इसे लेकर मोर्चा खोले हुए है.

एमएनपी/एबीएम