मुंबई, 30 जून . केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मशहूर फिल्म ‘उमराव जान’ के रीमास्टर्ड संस्करण के ग्रैंड प्रीमियर में हिस्सा लिया. उन्होंने कहा कि ‘उमराव जान’ गजल में लिपटी हुई एक दुआ है.
बता दें कि फिल्म को नई तकनीक से साफ और बेहतर तरीके से फिर से तैयार किए जाने को ‘रीमास्टर्ड वर्जन’ कहा जाता है.
मंत्री ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि यह अनुभव बीते जमाने की झलक देखने जैसा था. इस कार्यक्रम में मशहूर फिल्म निर्देशक मुजफ्फर अली और कई गणमान्य लोग मौजूद थे.
हरदीप सिंह पुरी ने अपने सोशल मीडिया पर भी रीमास्टर्ड फिल्म की तारीफ करते हुए कहा कि यह फिल्म पुराने जमाने की भारतीय सिनेमा की शालीनता और सांस्कृतिक समृद्धि की याद दिलाती है.
मंत्री ने प्रीमियर की कुछ झलकियां अपने सोशल मीडिया पर शेयर कीं और फिल्म निर्माता मुजफ्फर अली की तारीफ की कि उन्होंने इस फिल्म की खास विरासत को संभाल कर रखा है.
केंद्रीय मंत्री ने लिखा, ”मैं बहुत खुश हूं कि रीमास्टर्ड संस्करण के जरिए मशहूर फिल्म ‘उमराव जान’ के प्रीमियर में पुराने जमाने की शान और खूबसूरती को फिर से महसूस किया. यह फिल्म आज फिर से सिनेमा हॉल में दिखाई गई, जहां महान फिल्म निर्माता मुजफ्फर अली समेत कई सम्मानित लोग भी मौजूद थे. 1981 में रिलीज हुई इस फिल्म ने दर्शकों का दिल जीत लिया था. इसमें अवध की संस्कृति, वेशभूषा और तहजीब को बड़ी खूबसूरती से दिखाया गया है, जो एक अनमोल अनुभव था.”
उन्होंने आगे कहा, ”फिल्म निर्माता के शब्दों में कहें तो, ‘कुछ फिल्में बस बनाई जाती हैं, लेकिन कुछ फिल्में जन्म लेती हैं. ‘उमराव जान’ सिर्फ एक फिल्म नहीं है, गजल में लिपटी हुई दुआ है.”
उन्होंने कहा, ”यह मास्टरपीस फिल्म दिल से पैदा हुई है और इसे जिंदा रेखा जी के अनमोल और कालजयी अभिनय ने किया गया है. साथ ही शायर शाहरयार साहब की बेजोड़ कविता, जिसे खय्याम साहब ने संगीत दिया, और मशहूर गायिका आशा भोसले ने दिल से गाया, सभी ने मिलकर इस फिल्म को शानदार बनाया.”
हरदीप सिंह पुरी ने अपने पोस्ट के आखिर में कहा, ”यह फिल्म चार राष्ट्रीय पुरस्कार जीत चुकी है. जो लोग पुरानी कहानियां और संस्कृति पसंद करते हैं, उन्हें यह फिल्म जरूर देखनी चाहिए. यह फिल्म एक अनमोल रत्न है. हमारा संस्कृति मंत्रालय ऐसी दूसरी फिल्मों को डिजिटल तरीके से सुधार कर नई पीढ़ी तक पहुंचा रहा है ताकि यह फिल्मों का खजाना हमेशा बचा रहे.”
लगभग तीस साल बाद, ‘उमराव जान’ 27 जून को फिर से सिनेमाघरों में लौटी.
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पीके/केआर