झारखंड में स्वास्थ्य सेवा की बदहाली पर नेता प्रतिपक्ष और मंत्री के बीच जुबानी जंग

रांची, 29 जून . झारखंड में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली को लेकर नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है.

मरांडी ने एक मरीज को एंबुलेंस न मिलने की वजह से चारपाई पर अस्पताल पहुंचाए जाने की तस्वीर साझा करते हुए सरकार से पूछा है राज्य के भारी-भरकम स्वास्थ्य बजट की राशि कहां गई?

इसके जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने उनसे राज्य में भाजपा के करीब दो दशकों के कार्यकाल का हिसाब मांगा है. दोनों के पोस्ट पर सोशल मीडिया यूजर्स ने भी पक्ष-विपक्ष में टिप्पणियां की हैं.

मरांडी ने अपने एक्स पोस्ट में लिखा, “ये 18वीं सदी नहीं है, पर झारखंड के गांवों में हालात अभी भी वही हैं. सिमडेगा जिले के चुंदियारी गांव में एक बुज़ुर्ग महिला गंगो देवी के कमर में गंभीर चोट आई, लेकिन गांव में न सड़क थी, न स्वास्थ्य सुविधा, न एम्बुलेंस पहुंची. मजबूर परिजन खाट पर लादकर तीन किलोमीटर पैदल चले.”

नेता प्रतिपक्ष ने Chief Minister हेमंत सोरेन को संबोधित करते हुए लिखा, “शर्म की बात ये है कि ये सब उस राज्य में हो रहा है, जहां हेमंत सरकार ने इस साल बजट में स्वास्थ्य पर 3,497 करोड़ और सड़कों-पुलों के लिए 5,300 करोड़ खर्च करने की घोषणा की थी. पिछले साल यही राशि 7,223 करोड़ और 6,389 करोड़ थी. इतना पैसा गया कहां?”

भाजपा नेता ने आरोप लगाते हुए कहा कि जब भ्रष्टाचार करने की बात आती है, तो हेमंत सरकार सुरसा से भी बड़ा मुंह खोल लेती है. लेकिन, जब व्यवस्था को लेकर सवाल किया जाए, तो Chief Minister और मंत्री गूंगे-बहरे बन जाते हैं.

मरांडी का पोस्ट आने के कुछ ही देर बाद State government के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने पलटवार किया. उन्होंने बाबूलाल मरांडी को संबोधित करते हुए लिखा, “आईना देखने की हिम्मत हो तो जरा इतिहास भी देखिए. 20 साल तक आप और आपकी पार्टी झारखंड की सत्ता में रही, लेकिन क्या दिया इसको? न सड़क, न स्वास्थ्य, न सम्मान.”

अंसारी ने आगे लिखा, “आपके शासनकाल ने झारखंड की जड़ों को खोखला किया, और आज जब हेमंत जी की सरकार व्यवस्था में बदलाव ला रही है, तो आपको तकलीफ हो रही है?”

मरीज को चारपाई पर ले जाए जाने की तस्वीर पर सफाई देते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जिस चुंदियारी गांव की यह तस्वीर है, वह इलाका पहाड़ी और दुर्गम है, जहां एम्बुलेंस नहीं जा सकती. इसीलिए हमने बाइक एम्बुलेंस योजना शुरू की है, ताकि ऐसे इलाकों में भी इलाज की सुविधा मिले. व्यवस्था बदल रही है, फर्क जमीन पर दिख रहा है.

अंसारी ने पूछा, “आप बजट की बात करते हैं? आप बताइए, जब आप सत्ता में थे तब स्वास्थ्य और सड़क के लिए कितनी ईमानदारी से काम किया? बड़े-बड़े घोटालों और बंद पड़ी स्वास्थ्य योजनाओं की लिस्ट बहुत लंबी है बाबूलाल जी! जब भ्रष्टाचार की बात करते हैं तो आप और आपकी पार्टी खुद सबसे पहले खड़े दिखते हैं. किसी पीएचसी में जाइए, आपको बदलाव दिखेगा. वरना सोशल मीडिया पर बैठकर भाषण देने से न आपकी साख लौटेगी और न ही लोगों का भरोसा.”

एसएनसी/एबीएम