मुंबई, 29 जून . कोलकाता में लॉ स्टूडेंट से हुए गैंगरेप मामले में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) विधायक मदन मित्रा के विवादित बयान की चारों तरफ आलोचना हो रही है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी गुट) के प्रवक्ता मनीष दुबे ने भी रविवार को उनके बयान की घोर निंदा की.
एनसीपी (एसपी) प्रवक्ता मनीष दुबे ने समाचार एजेंसी से बात करते हुए कहा, “यह शर्मनाक और आपराधिक मानसिकता को दर्शाता है. अगर कोई किसी के बुलाने पर आता है, तो इसका मतलब यह नहीं कि उसके साथ जबरदस्ती की जाए. रेप जैसे अपराध का बचाव करना या रेपिस्ट को समर्थन देना बेहद निंदनीय है. बंगाल में महिलाओं और बच्चियों पर हो रहे अत्याचार और दोषियों को सजा न मिलना कानून व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है. दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए और इस मामले की गंभीरता से जांच होनी चाहिए.”
बिहार में चुनाव आयोग की तैयारियों को लेकर दुबे ने कहा कि बिहार में अचानक एनआरसी लागू करने का आरोप लगाया जा रहा है. यह भाजपा की हार छुपाने की रणनीति है. इससे लोगों में डर का माहौल बनाकर असली नागरिकों को मताधिकार से वंचित किया जाएगा. एनआरसी पहले सिर्फ असम में लागू था, फिर अब बिहार में बिना चर्चा लागू करना सवाल खड़ा करता है. चुनाव आयोग का काम संविधान की रक्षा करना है, न कि भाजपा के इशारों पर चलना. हम इस फैसले का विरोध करते हैं और इसे अलोकतांत्रिक मानते हैं.”
संघ के सहकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले के संविधान की प्रस्तावना में ‘धर्मनिरपेक्ष’ और ‘समाजवाद’ पर दिए हालिया बयान पर मनीष दुबे ने निशाना साधा. उन्होंने कहा, “जनसंघ और आरएसएस की आजादी की लड़ाई में कोई भूमिका नहीं थी, लेकिन अब वे खुद को संविधान से ऊपर समझने लगे हैं. देश की जनता ने लोकसभा चुनाव में भाजपा को 240 सीटें देकर उनकी औकात दिखा दी है. अगर संविधान से छेड़छाड़ की गई तो अगला लोकसभा चुनाव भाजपा के लिए विनाशकारी होगा. देश धर्मनिरपेक्षता, समानता और प्रगति के सिद्धांतों पर चलता है. संविधान से छेड़छाड़ देश को कट्टरवाद की ओर ले जाएगा, जिसे जनता कभी स्वीकार नहीं करेगी.”
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एससीएच/एबीएम