लखनऊ, 28 जून . योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति की देश ही नहीं दुनिया भर में सराहना हो रही है. पिछली सरकारों में गुंडा राज और ध्वस्त कानून व्यवस्था के लिए पहचाने जाने वाले उत्तर प्रदेश को आज सुशासन और सुदृढ़ कानून व्यवस्था के लिए दुनिया में नई पहचान मिली है. इस दिशा में योगी सरकार द्वारा चलाए जा रहे ऑपरेशन कन्विक्शन की अहम भूमिका है. योगी सरकार के ऑपरेशन कन्विक्शन के जरिए पिछले एक साल में 97 हजार से अधिक अपराधियों को सजा दिलाई गई है, जबकि पिछले करीब एक साल में तीन नए आपराधिक कानूनों के तहत चिन्हित कुल 457 मामलों में त्वरित सुनवाई के बाद दोषियों को सजा दिलाई गई है. इसकी हाल ही में बनारस में मध्य क्षेत्रीय परिषद की मीटिंग में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी काफी सराहना की.
अभियोजन एडीजी दीपेश जुनेजा ने बताया कि सीएम योगी के नेतृत्व में ऑपरेशन कन्विक्शन के तहत तीन नए आपराधिक कानूनों का सफल और प्रभावी अनुपालन प्रदेश को न केवल अपराध मुक्त बनाने की दिशा में अग्रसर कर रहा है, बल्कि यह पूरे देश के लिए एक अनुकरणीय मॉडल भी प्रस्तुत कर रहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दृढ़ नेतृत्व में चल रही यह पहल उत्तर प्रदेश को “सुरक्षित और सशक्त राज्य” बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है.
उन्होंने बताया कि पिछले करीब एक साल में तीन नए आपराधिक कानूनों के तहत अब तक 457 मामलों में सजा सुनाई जा चुकी है. इनमें 4 अपराधियों को मृत्युदंड (फांसी की सजा), 10 अपराधियों को आजीवन कारावास, 425 अपराधियों को 20 वर्ष से कम कारावास की सजा और 19 अपराधियों को 20 वर्ष से अधिक कारावास की सजा दिलाई गई है.
इन मामलों में अदालतों में अभियोजन पक्ष ने साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर मजबूत और तथ्यात्मक तर्क रखे. इसमें विशेष रूप से बीएनएसएस के प्रावधानों का सही उपयोग कर न्याय प्रक्रिया को सशक्त और तेज बनाया गया. इसके अलावा योगी सरकार ने सुनिश्चित किया कि गवाहों की सुरक्षा, साक्ष्य संग्रहण और अदालतों में समय पर उपस्थिति की सभी आवश्यकताएं पूरी हों.
एडीजी ने बताया कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 1 जुलाई 2024 से पूरे प्रदेश के 25,000 वादों की सुनवाई में प्रभावी डिजिटल दस्तावेज और गवाहों के बयान दर्ज किए गए, जिससे पुलिस और सरकारी गवाहों को बार-बार अदालत आने की आवश्यकता कम हुई और योगी सरकार को लगभग 25 करोड़ रुपये की बचत हुई. उन्होंने बताया कि बदांयू के बिल्सी थाने में दर्ज केस (394/2024) में आरोपी जाने आलम को बीएनएस की धाराओं में मृत्युदंड और 2 लाख 30 हजार रुपये के आर्थिक दंड से दंडित कराया गया है.
इसी तरह हाथरस के कोतवाली थाने में केस (26/2025) में आरोपी विकास और लालू पाल को मृत्युदंड के साथ 80 हजार रुपये का अर्थदंड दिलाया गया है. इसके अलावा कानपुर देहात के भीमगंज थाने में दर्ज केस (224/2024) में आरोपी दीपू को बीएनएस की धाराओं के तहत मृत्युदंड और 10 लाख रुपये के आर्थिक दंड से दंडित कराया गया है.
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