विशाल भारत की प्रतिभाओं में राष्ट्रीय विकास के लिए छिपी हुई है क्रिएटिव एनर्जी : श्रीधर वेम्बू

नई दिल्ली, 28 जून . सॉफ्टवेयर क्षेत्र की प्रमुख कंपनी जोहो के सह-संस्थापक श्रीधर वेम्बू ने शनिवार को कहा कि विशाल भारत की प्रतिभाओं में राष्ट्रीय विकास के लिए छिपी हुई क्रिएटिव एनर्जी है.

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में वेम्बू ने कहा, “एक विशाल भारत है, जो प्रतिष्ठित प्रमाणपत्रों को लेकर चिंतित नहीं है, जो अंग्रेजी अच्छी तरह से बोलने के बारे में चिंतित नहीं है, जो 11 वर्षीय बच्चों को जेईई या नीट कोचिंग में दाखिला दिलाने के बारे में चिंतित नहीं है और जो शेयर बाजार के बारे में चिंतित नहीं है.”

उन्होंने आगे कहा कि यह उस भारत की प्रतिभा है, जिसमें राष्ट्रीय विकास के लिए छिपी हुई क्रिएटिव एनर्जी है.

उन्होंने कहा, “इसमें हार्ड साइंटिफिक और टेक्निकल टैलेंट भी शामिल है. मैं इस प्रस्ताव से इतना आश्वस्त हूं कि मैं अपनी एनर्जी उस टैलेंट को खोजने और विकसित करने में लगा रहा हूं.”

भारत के स्किल्ड वर्कफोर्स को वैश्विक स्तर पर अपार मान्यता मिल रही है और इसकी प्रतिभाओं की व्यापक रूप से सराहना हो रही है.

भारत के युवा देश की सबसे बड़ी ताकत हैं. यह एक जीवंत और गतिशील पीढ़ी है जो 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के सपने को साकार कर रही है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा, “युवा शक्ति परिवर्तन की वाहक और परिवर्तन का लाभार्थी दोनों है.”

छोटे शहरों और कस्बों की महिलाएं भी पहले से कहीं ज्यादा मुख्यधारा के कार्यबल में शामिल हो रही हैं. टियर 2 और 3 भारतीय शहरों की महिलाओं के कार्यबल में शामिल होने से पिछले तीन वर्षों में उनके औसत वेतन में 34 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

जॉब और प्रोफेशनल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म ‘अपना’ के अनुसार, छोटे शहरों की महिला नौकरी चाहने वालों की संख्या 2021 और 2024 के बीच चार गुना बढ़ गई है. इस वृद्धि में कई कारकों ने योगदान दिया है, जिसमें अधिक नौकरी के अवसर, बेहतर डिजिटल पहुंच और नियोक्ताओं द्वारा भर्ती रणनीतियों में बदलाव शामिल हैं.

एसकेटी/