भुवनेश्वर, 28 जून . बीजू जनता दल (बीजेडी) के अध्यक्ष नवीन पटनायक ने शनिवार को पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा के दौरान नंदिघोष रथ खींचने में “अत्यधिक देरी” पर गहरी चिंता व्यक्त की.
उन्होंने सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर लिखा कि वे प्रशासन को सीधे तौर पर दोष नहीं देना चाहते, लेकिन राज्य के इतने बड़े और पवित्र आयोजन में जो गड़बड़ी हुई, उस पर चुप भी नहीं रहा जा सकता.
नवीन पटनायक ने लिखा, “हम किसी पर उंगली उठाने या दोष देने नहीं बैठे हैं, लेकिन कल नंदिघोष रथ खींचने में जो भारी देरी हुई, उस पर अपनी गहरी चिंता और पीड़ा व्यक्त किए बिना रहना असंभव है.”
उन्होंने पिछले साल की घटना भी याद दिलाई, जब अदपा बिजे पहांडी रस्म के दौरान भगवान बलभद्र की मूर्ति फिसल गई थी, जिससे श्रद्धालु काफी दुखी हुए थे.
उन्होंने कहा, “इस साल भी हमने देखा कि नंदिघोष रथ सिंहद्वार पर शाम 7 बजकर 45 मिनट तक खड़ा रहा और फिर कुछ मीटर ही खिसक पाया. इससे लाखों श्रद्धालु, जो दुनिया भर से इसे देखने आए थे, बहुत निराश और दुखी हुए. भीड़ प्रबंधन में कमी की वजह से सैकड़ों लोग घायल भी हुए.”
नवीन पटनायक ने कहा, “हम सिर्फ यही प्रार्थना कर सकते हैं कि महाप्रभु जगन्नाथ उन लोगों को माफ करें, जिनकी वजह से इतना बड़ा अव्यवस्था हुई. उम्मीद है सरकार इस घटना से कुछ सीखेगी और गहन आत्मनिरीक्षण करेगी.”
बता दें कि शुक्रवार को बाकी रस्में तो समय पर हुईं, लेकिन रथ खींचने में काफी देर हो गई. इससे वहां मौजूद श्रद्धालुओं में नाराजगी फैल गई.
भगवान बलभद्र का तलध्वज रथ और देवी सुभद्रा का दर्पदलन रथ बीच रास्ते में ही रुक गया, जबकि भगवान जगन्नाथ का नंदिघोष रथ सिंहद्वार से थोड़ा ही आगे बढ़ सका.
देरी के बारे में मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए, कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने शुक्रवार को कहा था कि सभी अनुष्ठान तय समय पर पूरे होने के बाद शाम 4 बजे रथ खींचने का काम शुरू हुआ. हालांकि, बड़ा डांडा (ग्रैंड रोड) पर प्रमुख मोड़ों पर समस्याओं के साथ-साथ भक्तों की अप्रत्याशित रूप से भारी भीड़ (कथित तौर पर पिछले वर्षों की तुलना में 1.5 गुना अधिक) के कारण व्यवधान हुआ.
उन्होंने कहा कि मौसम अनुकूल होने से इस बार ज्यादा भीड़ जुटी, जिससे भीड़ को संभालना मुश्किल हो गया.
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