शहडोल, 27 जून . केंद्र Government द्वारा शुरू किया गया ‘Prime Minister रोजगार सृजन कार्यक्रम’ देश में लघु उद्योगों को बढ़ावा देने में व्यापक स्तर पर सफल हुआ है. इस योजना ने लाखों लोगों की जिंदगी बदली है और उनके उद्यमी बनने के सपने को साकार किया है. Madhya Pradesh के शहडोल जिले में भी सैकड़ों लोगों ने इस योजना का लाभ उठाया है.
शहडोल से लगभग 12 किलोमीटर दूर ‘मैडम श्री स्पाइस’ के नाम से खुद का उद्योग स्थापित करने वाले लाभार्थी अंबर जैन ने समाचार एजेंसी को बताया कि उनके उद्यमी और आत्मनिर्भर बनने में ‘Prime Minister रोजगार सृजन कार्यक्रम’ का बड़ा योगदान रहा है. कोरोना के दौरान नौकरी छूटने के बाद आर्थिक स्थिति दयनीय थी. ऐसे समय में इस योजना का सहारा मिला. इस योजना के माध्यम से मिले पैसों से खुद का उद्योग स्थापित किया है. आज खुद की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ है ही, स्थानीय स्तर पर कई लोगों रोजगार देने में भी सक्षम हैं.
महिला लाभार्थी कशिश रोहरा ने बताया कि कोरोना काल के दौरान घरेलू कार्य के बीच खुद का उद्योग स्थापित कर आत्मनिर्भर बनने और परिवार की आर्थिक तंगी दूर करने की सोच को साकार करने में ‘पीएमईजीपी’ का साथ मिला. Prime Minister की महिलाओं को मजबूत और सशक्त बनाने की सोच की कशिश रोहरा ने सराहना की.
लाभार्थी महबूद आलम ने बताया कि पैसों की तंगी और उससे होने वाली परेशानियों के चलते खुद का व्यवसाय स्थापित करने में काफी दिक्कतें आ रही थी. ऐसे में ‘Prime Minister रोजगार सृजन कार्यक्रम’ से मिले पैसों और साथ में मिली छूट ने कारोबार शुरू करने और उसे बढ़ाने में सहयोग दिया. आलम ने Government से गरीब और मध्यम वर्गीय लोगों के लिए ऐसी और योजनाएं शुरू करने की अपील की.
‘Prime Minister रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना’ (पीएमईजीपी) वर्ष 2008 में शुरू की गई थी. इस योजना के लिए 18 साल से ऊपर का कोई भी व्यक्ति जो आठवीं कक्षा उत्तीर्ण हो, आवेदन कर सकता है. विनिर्माण क्षेत्र में 10 लाख रुपए से अधिक और व्यवसाय/सेवा क्षेत्र में पांच लाख रुपए से अधिक लागत वाली परियोजनाओं के लिए इस योजना के तहत ऋण मिलता है. विनिर्माण क्षेत्र में स्वीकार्य परियोजना/इकाई की अधिकतम लागत 50 लाख रुपए है. व्यवसाय/सेवा क्षेत्र में अधिकतम राशि 20 लाख रुपए है. India Government या राज्य Government की किसी अन्य योजना के तहत Governmentी सब्सिडी का लाभ पहले से उठाने वाले इस योजना के पात्र नहीं हैं. योजना के तहत सब्सिडी दी जाती है.
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पीएके/एकेजे