मुंबई, 27 जून . महाराष्ट्र समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक अबू आसिम आजमी का मानना है कि सेक्युलरिज्म और सोशलिज्म देश को जोड़ते हैं. अबू आजमी का यह बयान उस वक्त आया है जब आरएसएस महासचिव दत्तात्रेय होसबोले ने गुरुवार को दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवादी’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्दों की समीक्षा की मांग की है.
अबू आजमी ने शुक्रवार को समाचार एजेंसी से बातचीत की. उन्होंने कहा कि जो लोग इस देश को एक रंग में रंगना चाहते हैं, वे संविधान को नहीं बदल सकते. वे संविधान की दीवारों से मजबूत ईंटें हटाकर उसे कमजोर करना चाहते हैं. धर्मनिरपेक्षता संविधान का एक मजबूत हिस्सा है. आज अल्पसंख्यक समुदाय के कई लोग जेल में हैं और उन्हें जमानत नहीं मिल रही है.
सपा नेता ने धर्म के आधार पर देश में हो रही राजनीति का उल्लेख करते हुए कहा कि देश में कुछ लोग धर्म के नाम पर राजनीति करना चाहते हैं. उन्हें हिंदू राष्ट्र बनाने में समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता से परेशानी हो रही है. अगर वे इसे हटा देंगे तो देश टूट जाएगा. इस शब्द ने सभी को एक साथ रखा है. सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि संविधान में सेक्युलरिज्म और सोशलिज्म एक मुख्य चीज है और इसे हटाया नहीं जा सकता है.
अबू आजमी ने दावा किया है कि इस तरह की मांगों से एक चीज तो स्पष्ट होती है कि वे लोग चाहते हैं कि देश में सिर्फ एक ही कौम का राज होना चाहिए, बाकी लोगों को दरकिनार करना चाहते हैं. ये सभी लोग संविधान की मजबूत दीवार को तोड़कर हिन्दुत्व लाना चाहते हैं.
उन्होंने आगे कहा कि मैं देश से कहना चाहता हूं कि अगर धर्मनिरपेक्षता शब्द हट जाएगा तो संविधान की दीवार टूट जाएगी. देश में कोहराम मच जाएगा. देश को जोड़ने की कोशिश होनी चाहिए, तोड़ने की नहीं. देश में ऐसी चीजों को आगे बढ़ाने की जरूरत है जिससे देश का भविष्य शानदार हो. सेक्युलरिज्म और सोशलिज्म देश को जोड़ते हैं. जो भी लोग देश के संविधान को मानते हैं उन्हें भी विरोध करना चाहिए.
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डीकेएम/एएस