आईएमएफ ने बांग्लादेश को लोन देने से पहले पूछी थी चुनाव की तारीख

ढाका, 25 जून . बांग्लादेश की अंतरिम Government के वित्तीय सलाहकार सालेहुद्दीन अहमद ने Wednesday को बताया कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने ऋण की चौथी और पांचवीं किस्त जारी करने से पहले आगामी आम चुनाव की तारीख को लेकर जानकारी मांगी थी.

आईएमएफ के कार्यकारी बोर्ड ने हाल ही में बांग्लादेश के लिए 4.7 अरब डॉलर के ऋण कार्यक्रम के तहत चौथी और पांचवीं किस्तों को मंजूरी दी है. इसके तहत बांग्लादेश को अब करीब 1.34 अरब डॉलर प्राप्त होंगे.

रिपोर्टों के अनुसार, दिसंबर में दी जाने वाली चौथी किस्त को आईएमएफ ने उस समय रोक दिया था, जब अगस्त 2024 में अवामी लीग Government के पतन के बाद Political अस्थिरता और आर्थिक चुनौतियों के चलते कई शर्तें पूरी नहीं हो पाई थीं.

सालेहुद्दीन अहमद ने स्थानीय मीडिया को बताया, “आईएमएफ ने मुझसे पूछा कि क्या चुनाव फरवरी में होंगे. वे इसे लेकर आश्वस्त होना चाहते हैं. हमने उन्हें बताया कि हां, चुनाव फरवरी में ही होंगे. अब सभी, यहां तक कि आईएमएफ भी इस बात से संतुष्ट हैं कि चुनाव की तारीख घोषित हो चुकी है.”

आईएमएफ ने बांग्लादेश को तीन किस्तों में 2.31 अरब डॉलर की राशि जारी की है जिसमें 1.15 अरब डॉलर पिछले साल जारी किए गए थे. Monday को चौथी और पांचवीं किश्त की मंजूरी के बाद आईएमएफ ने बयान दिया कि मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम Government के दौरान बांग्लादेश की आर्थिक स्थिति और खराब हुई है. इसके पीछे लगातार जारी Political अनिश्चितता, सख्त मौद्रिक नीतियां, व्यापारिक बाधाओं में वृद्धि और बैंकिंग क्षेत्र में तनाव जैसे कारण बताए गए.

आईएमएफ ने चेताया, “वित्तीय क्षेत्र की नीतियों को स्थिरता बनाए रखने और बढ़ती कमजोरियों से निपटने को प्राथमिकता देनी चाहिए. बैंकिंग सुधारों के लिए नया कानूनी ढांचा लागू कर छोटे जमाकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु एक ठोस रणनीति तुरंत विकसित की जानी चाहिए.”

आईएमएफ ने यह भी कहा कि बांग्लादेश को उच्च-मध्यम आय वाले देश का दर्जा हासिल करने के लिए संरचनात्मक सुधारों को तेजी से लागू करना अनिवार्य होगा. इसके लिए निर्यात में विविधता, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को बढ़ावा देना, शासन व्यवस्था को मजबूत करना और डेटा की गुणवत्ता सुधारना जरूरी है.

गौरतलब है कि यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम Government Political और सुरक्षा मोर्चों पर पहले से ही भारी दबाव में है. Government को आर्थिक सुधारों में विफल रहने के कारण खुद उसके भीतर से भी तीखी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है.

विश्लेषकों का मानना है कि अगस्त 2024 से जारी Political उथल-पुथल के कारण बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था गंभीर संकट में है. देश में कारोबार क्षेत्र भारी नकदी संकट से जूझ रहा है और कई वाणिज्यिक और औद्योगिक संस्थान बंद हो चुके हैं.

डीएससी/एकेजे