New Delhi, 24 जून . मध्य पूर्व में ईरान और इजरायल के बीच सैन्य तनाव वैश्विक मंच पर चिंता का कारण बन गया है. इस तनावपूर्ण स्थिति में India ने शांति और संयम की अपील करते हुए तटस्थ रुख अपनाया है. India की इस नीति को वैश्विक स्तर पर सराहा जा रहा है, लेकिन देश के भीतर इस मुद्दे पर Political बहस तेज हो गई है. कांग्रेस पार्टी के ईरान समर्थक बयानों ने सत्तारूढ़ दल और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक को जन्म दिया है.
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीराज नायर ने कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा कि India में लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई Government पिछले 11 वर्षों से Prime Minister Narendra Modi के नेतृत्व में देश को नई ऊंचाइयों पर ले जा रही है. Government की विदेश नीति ने India की वैश्विक साख को मजबूत किया है. ऐसे में सभी दलों को राष्ट्रीय हितों के साथ खड़ा होना चाहिए. कांग्रेस वोट बैंक की राजनीति के चलते ईरान का समर्थन कर रही है, जो राष्ट्रहित के खिलाफ है. तुष्टीकरण की नीति के कारण ही कांग्रेस को बार-बार चुनावों में हार का सामना करना पड़ रहा है.
श्रीराज नायर ने Samajwadi Party के नेता अबू आजमी के हालिया विवादित बयानों पर भी तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, “अबू आजमी मुस्लिम वोट बैंक को लुभाने के लिए अनर्गल बयानबाजी करते हैं. उन्हें अपनी कौम की वास्तविक समस्याओं जैसे शिक्षा, बेरोजगारी और सामाजिक पिछड़ेपन पर ध्यान देना चाहिए. सड़कें नमाज के लिए नहीं, बल्कि यातायात के लिए हैं. यदि वे ऐसी बयानबाजी जारी रखेंगे, तो बजरंग दल अपने सेवा, सुरक्षा और संस्कार के सिद्धांतों के तहत जवाब देगा. मैं Maharashtra Government से मांग करता हूं कि ऐसे नेताओं की विधानसभा सदस्यता रद्द की जाए, जो कानून-व्यवस्था को चुनौती देते हैं.
श्रीराज नायर ने कहा कि 1975 का आपातकाल भारतीय लोकतंत्र पर एक काला धब्बा था. तत्कालीन Prime Minister इंदिरा गांधी ने विपक्ष को कुचलने के लिए यह कदम उठाया था. विपक्षी नेताओं को जेल में डाला गया, प्रेस की स्वतंत्रता छीनी गई और यहां तक कि मशहूर गायक किशोर कुमार पर भी प्रतिबंध लगाया गया. यह लोकतंत्र का अपमान था. सभी Political दलों से लोकतंत्र की रक्षा का संकल्प लेना चाहिए.
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एकेएस/एबीएम