फर्रुखाबाद, 24 जून . समाजवादी पार्टी के तीन विधायकों को निकालने पर फर्रुखाबाद से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद मुकेश राजपूत ने बड़ी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने इन विधायकों की सराहना करते हुए सपा पर गंभीर आरोप लगाए और अखिलेश यादव के नेतृत्व पर सवाल उठाए.
मुकेश राजपूत ने कहा, “मैं इन तीनों विधायकों को सलाम करता हूं और धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने गुंडागर्दी, भ्रष्टाचार और अपराधियों व भूमाफियाओं की पार्टी से ऊपर उठकर भगवान राम और राज्य के हित में वोट किया. ऐसे विधायकों को भारतीय जनता पार्टी में शामिल होना चाहिए, क्योंकि सपा की विचारधारा और नीतियां जनविरोधी हैं.”
राजपूत ने सपा पर पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) के नाम पर लोगों को ठगने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, “सपा पीडीए के नाम पर वोट तो लेना चाहती है, लेकिन उसका असली चेहरा परिवारवाद है. अखिलेश यादव खुद सांसद हैं, उनकी पत्नी सांसद हैं, उनके तीन भाई, चाचा और ताऊ भी सांसद रहे हैं. उन्हें पीडीए के नाम पर सिर्फ अपना परिवार दिखता है.”
राजपूत ने सपा शासनकाल की आलोचना करते हुए दावा किया कि जब सपा की सरकार थी, तब पिछड़े और दलित समाज का सबसे ज्यादा उत्पीड़न हुआ. दलितों और बहुजन समाज के लोगों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए गए. सपा नेताओं ने दलितों को इतना प्रताड़ित किया कि वे अपने गांव छोड़कर महानगरों की ओर पलायन करने को मजबूर हो गए. सपा को दलित और पिछड़े समाज की बात करने का कोई हक नहीं है, क्योंकि उनकी नजर में सिर्फ उनका परिवार और नजदीकी लोग ही महत्वपूर्ण हैं.
भाजपा सांसद मुकेश राजपूत ने यह भी कहा कि सपा की सरकार में दलितों और पिछड़ों के खिलाफ अन्याय चरम पर था. सपा नेताओं ने उन लोगों को निशाना बनाया, जिन्होंने उनके खिलाफ मुकदमे दर्ज कराए थे. आज सपा सत्ता में नहीं है, इसलिए अखिलेश को दलित और पिछड़ा समाज दिखाई दे रहा है. यह सिर्फ उनकी परिवार की महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने की रणनीति है.
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एकेएस/एबीएम