वीरता, पराक्रम और बलिदान की प्रतीक हैं रानी दुर्गावती : मोहन यादव

Bhopal , 24 जून . Chief Minister मोहन यादव ने Tuesday को कहा कि रानी दुर्गावती अपने नाम के अनुरूप मां दुर्गा के समान वीर और पराक्रम की प्रतिमूर्ति थीं. आज उनका बलिदान दिवस है. रानी दुर्गावती का जन्म लगभग 500 वर्ष पहले हुआ था. अमेरिका सहित पश्चिम के देशों को सामान्य तौर पर संस्कृति में अग्रणी माना जाता है, लेकिन India का गौरवशाली अतीत रहा है.

Chief Minister ने कहा कि आदिवासी अंचल की रानी दुर्गावती और रानी अवंतीबाई नारी सशक्तीकरण की सबसे बड़ी उदाहरण हैं. रानी दुर्गावती के पिता ने 500 साल पूर्व उन्हें घुड़सवारी, तलवारबाजी और युद्ध कौशल में निपुण बनाया था.

Chief Minister जबलपुर के नर्रई नाला स्थित वीरांगना रानी दुर्गावती की समाधि पर श्रद्धासुमन अर्पित करने के बाद बारहा ग्राम में आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे.

Chief Minister यादव ने कहा कि जबलपुर का ठाकुरताल पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगा. यहां Bhopal के वन विहार की तर्ज पर एक आधुनिक चिड़ियाघर (रेस्क्यू सेंटर एवं जू) बनाया जाएगा, यह सेंटर गौंडवाना साम्राज्य की वीरांगना रानी दुर्गावती को समर्पित होगा. यह वन्यप्राणी रेस्क्यू सेंटर रानी दुर्गावती के नाम से जाना जाएगा. राज्य Government रानी दुर्गावती सहित सभी महान हस्तियों का सम्मान करते हुए आगे बढ़ रही है.

Chief Minister ने मैराथन जैसे आयोजनों के लिए नगर निगम जबलपुर को 5 लाख रुपए और कार्यक्रम में मनमोहक प्रस्तुति देने वाले प्रत्येक लोक कलाकार को 5-5 हजार रुपए देने की घोषणा की.

Chief Minister ने कहा कि प्रदेश Government ने मोटे अनाज के प्रोत्साहन एवं उपार्जन के लिए रानी दुर्गावती के नाम पर योजना प्रारंभ की है. रानी दुर्गावती ने अपने जीवनकाल में 52 लड़ाइयां लड़ीं और 51 में विजय प्राप्त की. उनके गौंडवाना साम्राज्य में 23 हजार गांव शामिल थे. वीर रानी दुर्गावती ने तीन बार मुगल सेना को धूल चटाई थी. राज्य Government ने उनकी वीरता की कहानियों को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने का निर्णय लिया है. यह विरासत से विकास का एक क्रम है. वीरांगना दुर्गावती ने जल संरक्षण की दिशा में भी उल्लेखनीय प्रयास किए थे. उनके साथ इसी स्थान पर विश्वासघात हुआ था और उन्होंने वीरतापूर्वक अपना बलिदान कर दिया था. रानी दुर्गावती भी चंद्रशेखर आजाद की तरह आजाद रहीं.

उन्होंने वीरांगनाओं को याद करते हुए कहा कि इस क्षेत्र में रानी अवंतीबाई व रानी लक्ष्मीबाई की शौर्य व पराक्रम की अद्भुत गाथा है. वर्तमान समय में आदिवासी अंचल की बहन President पद को गौरवांवित कर रही हैं. परिसीमन के बाद विधानसभा चुनाव में बहनों को भी 33 प्रतिशत आरक्षण देने की भावना है.

Chief Minister ने कार्यक्रम के दौरान रानी दुर्गावती मैराथन दौड़ प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले धावकों को चेक एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किए.

डीएससी/एबीएम