जमुई, 24 जून . बिहार Government के कई आयोगों के गठन के बाद शुरू बयानबाजियों का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है.
इस बीच, जमुई पहुंचे Union Minister और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख जीतनराम मांझी ने राजद अध्यक्ष लालू यादव पर जोरदार निशाना साधा है. उन्होंने अपने अंदाज में एक कहावत की चर्चा करते हुए कहा, ‘चलनी दूसे बढ़नी के’. उन्होंने यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि चलनी में हजारों छेद हैं. उन्होंने कहा, “जो अपनी पत्नी, साला, बेटी, बेटा को आगे बढ़ाने का काम किया है, वह दूसरे पर बोल रहे हैं. आयोग में जो भी गए हैं, वे अपनी योग्यता से गए हैं.”
उन्होंने सवाल पूछा कि तेजस्वी यादव, तेजप्रताप यादव कौन चुनाव लड़े थे? मीसा भारती और रोहिणी आचार्य कौन आंदोलन की उपज हैं? इनमें मेरिट बस यही है कि ये लालू यादव परिवार के हैं. ऐसे लोगों को शर्म आनी चाहिए. उन्होंने इस दौरान अपने पुत्र की शैक्षणिक योग्यता का भी जिक्र किया. उन्होंने यहां तक कहा कि लालू यादव शुरू से दलित विरोधी हैं, इस कारण दलित उनके साथ कभी नहीं गए.
विधानसभा चुनाव में सीट को लेकर उन्होंने कहा कि एनडीए में जो भी तय होगा, वह मानेंगे.
इससे पहले Union Minister जीतनराम मांझी ने social media प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए इशारों ही इशारों में लालू यादव को गब्बर सिंह बताया.
उन्होंने लिखा, “भाई को तो पहले ही घर से बाहर निकाल दिया है, अब बहन और बहनोई को बाहर करने के लिए “दामाद” का मुद्दा उठाया जा रहा है ताकि भविष्य में “गब्बर सिंह” यदि बेटी-दामाद को कहीं सेट करने की बात कहें, तो यह कहकर मना कर दिया जाए कि हमने तो खुद ही “दामाद” का मुद्दा उठाकर Government को घेरा था, इसलिए बेटी, दामाद को किसी भी कीमत पर एडजस्ट नहीं किया जाएगा.”
उन्होंने आगे कहा कि जो घर-परिवार का नहीं, वह किसी का नहीं.
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एमएनपी/एबीएम