New Delhi, 23 जून . Prime Minister Narendra Modi ने Monday को New Delhi स्थित तीन मूर्ति भवन में Prime Minister संग्रहालय एवं पुस्तकालय (पीएमएमएल) सोसायटी की 47वीं वार्षिक आम बैठक की अध्यक्षता की.
बैठक के दौरान Prime Minister ने कहा कि संग्रहालयों का दुनिया भर में ऐतिहासिक महत्व है. ये हमें इतिहास को सजीव रूप से अनुभव कराने की शक्ति देते हैं. उन्होंने समाज में संग्रहालयों के प्रति जन-सरोकार और प्रतिष्ठा बढ़ाने की निरंतर आवश्यकता पर बल दिया.
Prime Minister ने एक दूरदर्शी विचार रखते हुए “म्यूजियम मैप ऑफ इंडिया” की परिकल्पना की, जिसका उद्देश्य देशभर के संग्रहालयों को एकीकृत सांस्कृतिक और सूचना तंत्र में जोड़ना है.
उन्होंने प्रौद्योगिकी के व्यापक उपयोग की आवश्यकता बताते हुए देशभर के सभी संग्रहालयों का एक राष्ट्रीय डेटाबेस बनाने का सुझाव दिया, जिसमें आगंतुक संख्या, गुणवत्ता मानक आदि महत्वपूर्ण सूचनाएं दर्ज हों.
संग्रहालयों के प्रबंधन और संचालन से जुड़े लोगों के लिए नियमित कार्यशालाएं आयोजित करने का सुझाव भी Prime Minister ने दिया, ताकि क्षमता निर्माण और ज्ञान साझा करने को बढ़ावा मिल सके.
Prime Minister मोदी ने यह सुझाव दिया कि हर राज्य से 35 वर्ष से कम उम्र के पांच युवाओं की एक समिति बनाई जाए, जो संग्रहालयों को लेकर नई सोच और दृष्टिकोण सामने ला सके.
उन्होंने कहा कि सभी प्रधानमंत्रियों को समर्पित संग्रहालय के निर्माण से सभी के योगदान को सम्मान मिला है, विशेषकर India के पहले Prime Minister पंडित जवाहरलाल नेहरू की विरासत को भी उचित स्थान मिला है, जो कि 2014 से पहले नहीं था.
Prime Minister ने प्रसिद्ध social media इन्फ्लुएंसर और विभिन्न दूतावासों के अधिकारियों से भारतीय संग्रहालयों का भ्रमण कराने की अपील की ताकि देश की समृद्ध विरासत को वैश्विक स्तर पर प्रचारित किया जा सके.
पीएम मोदी ने सुझाव दिया कि आपातकाल के 50 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में उससे संबंधित सभी कानूनी दस्तावेजों और घटनाओं का संकलन कर संग्रहालय में संरक्षित किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि वर्तमान को भी संगठित करने और उसके दस्तावेजीकरण की आवश्यकता है ताकि आगामी पीढ़ियां और शोधकर्ता इस कालखंड को गहराई से समझ सकें.
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डीएससी/एकेजे