जशपुर (छत्तीसगढ़), 22 जून . छत्तीसगढ़ के दोकड़ा स्थित जगन्नाथ मंदिर में रथ यात्रा की तैयारियां जोरों पर हैं. यह रथ यात्रा 27 जून को बड़े धूमधाम से निकाली जाएगी. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और उनकी पत्नी कौशल्या साय को शनिवार को गजपति महाराज की पारंपरिक भूमिका सौंपी गई और संबंधित अनुष्ठान संपन्न कराए गए. श्री जगन्नाथ मंदिर समिति द्वारा विशाल और आकर्षक रथ का निर्माण पुरी धाम की शैली में किया जा रहा है.
भगवान श्री जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की मूर्तियों को विशेष रूप से सुसज्जित रथ में विराजमान कर नगर भ्रमण कराया जाएगा, रथ खींचने की परंपरा में हजारों श्रद्धालु भाग लेंगे.
ओडिशा के संबलपुर से आमंत्रित पुरोहितों ने बगिया स्थित मुख्यमंत्री निवास पहुंचकर धार्मिक परंपराओं का पालन करते हुए गजपति की रस्मों को संपन्न कराया. यह परंपरा पुरी धाम की तर्ज पर निभाई जाती है, जिसमें गजपति महाराजा को रथ यात्रा का मुख्य संरक्षक माना जाता है.
इस वर्ष रथ यात्रा में ओडिशा के प्रसिद्ध कीर्तन मंडलियां, भक्ति रस से सराबोर गीतों एवं वाद्य यंत्रों के साथ शामिल होंगी. साथ ही विभिन्न धार्मिक, सांस्कृतिक और पौराणिक झांकियों की भी प्रस्तुति की जाएगी, जो इस आयोजन की शोभा को बढ़ाएगी.
रथ यात्रा के अवसर पर दोकड़ा में विशाल मेले का आयोजन किया जा रहा है. मेले में विभिन्न स्टॉल, झूले, मनोरंजन के साधन,पारंपरिक खान-पान की व्यवस्था की जा रही है. छत्तीसगढ़, ओडिशा, झारखंड एवं अन्य राज्यों से हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं के आने की संभावना है.
स्थानीय कारीगरों के साथ-साथ ओडिशा से आए रथ शिल्पियों की देखरेख में इसका निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है. श्री जगन्नाथ मंदिर समिति दोकड़ा ने सभी श्रद्धालुओं, भक्तों एवं धर्म प्रेमियों से रथ यात्रा में शामिल होकर पुण्य लाभ लेने का आग्रह किया है. यह आयोजन न केवल आस्था का प्रतीक है, बल्कि छत्तीसगढ़ और ओडिशा की साझा सांस्कृतिक विरासत का भी अद्भुत उदाहरण है.
सीएम विष्णु देव साय की पत्नी कौशल्या साय ने कहा, “शनिवार शाम, एक औपचारिक पूजा के बाद, उन्हें (सीएम विष्णु देव साय) औपचारिक रूप से पारंपरिक पगड़ी सहित गजपति महाराज की पोशाक पहनाई गई. अब, 27 जून को, वह इस सम्मानित भूमिका में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा में भाग लेंगे.”
मंदिर समिति अध्यक्ष पुरुषोत्तम सिंह ने बताया कि हम सबके लिए बड़े गर्व का विषय है, दोकड़ा के अति प्राचीन जगन्नाथ मंदिर का निर्माण 1968 में हुआ और रथ यात्रा 1942 से शुरू हुई. इस प्राचीन मंदिर का जीर्णोद्धार मुख्यमंत्री साय और उनके परिवार के द्वारा कराया गया. ग्रामवासियों ने सीएम साय को गजपति मनोनीत किए हैं, जगन्नाथ मंदिर समिति की ओर से सीएम साय को गजपति बनाया गया.
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