‘योगांध्र कार्यक्रम’ ने बनाया गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड, सीएम नायडू बोले- ये हर नागरिक की उपलब्धि

अमरावती, 22 जून . 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर विशाखापट्टनम में हुए ‘योगांध्र 2025’ कार्यक्रम ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज करा लिया है. Chief Minister एन. चंद्रबाबू नायडू ने इसे आंध्र प्रदेश के हर नागरिक की उपलब्धि बताया है.

India Government की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में कुल 3,00,105 लोगों ने भाग लिया. इसने अब तक के सबसे बड़े योग सत्र का रिकॉर्ड बनाया.

Prime Minister Narendra Modi ने आरके बीच पर आयोजित कॉमन योग प्रोटोकॉल का प्रदर्शन कर प्रतिभागियों का नेतृत्व किया. उनके साथ Chief Minister नायडू, उपChief Minister पवन कल्याण, Governor एस. अब्दुल नजीर और केंद्रीय व राज्य मंत्री शामिल हुए.

यह आयोजन आरके बीच से भोगापुरम तक 28 किमी के क्षेत्र में हुआ. इसने 2023 में सूरत में 1.47 लाख प्रतिभागियों के साथ बने रिकॉर्ड को तोड़ा.

गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए नायडू ने लिखा कि यह उपलब्धि हर आंध्र प्रदेशवासी की है. उन्होंने कहा, “मैं आप सभी का धन्यवाद अदा करता हूं, जिन्होंने इसे संभव बनाया. आपका उत्साह और समर्पण प्रेरणादायक रहा. यह रिकॉर्ड दिखाता है कि जब हम एकजुट होकर काम करते हैं, तो क्या हासिल कर सकते हैं. सभी को बधाई.”

मानव संसाधन विकास मंत्री नारा लोकेश ने पोस्ट करते हुए लिखा, “हमने कर दिखाया. सभी प्रतिभागियों, टीडीपी नेताओं और कार्यकर्ताओं, Governmentी अधिकारियों और इस शानदार उपलब्धि में योगदान देने वाले सभी को हार्दिक धन्यवाद.”

यह आयोजन योगांध्र का समापन था, जो राज्य Government की एक महीने की पहल थी, जिसका उद्देश्य जन जागरूकता बढ़ाना था.

यह कार्यक्रम Saturday सुबह 6:30 बजे शुरू हुआ, लेकिन प्रतिभागी रात 2 बजे से ही पहुंचने लगे थे.

अधिकारियों के अनुसार, एक क्यूआर कोड आधारित ट्रैकिंग सिस्टम ने भीड़ प्रबंधन और रीयल-टाइम उपस्थिति सटीकता के लिए नया मानक स्थापित किया.

मुख्य आयोजन से एक दिन पहले विशाखापत्तनम ने 22,122 आदिवासी छात्रों के एक साथ प्रदर्शन के साथ सबसे बड़े सिंक्रोनाइज्ड सूर्य नमस्कार का एक और गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया.

इसके अलावा राज्य ने विश्व रिकॉर्ड बुक में 21 मान्यताएं हासिल कीं, जो इसकी संगठनात्मक उत्कृष्टता और जन उत्साह को दर्शाती हैं.

मुख्य आयोजन में नौ भारतीय नौसेना के युद्धपोतों ने हिस्सा लिया, जो राष्ट्रीय एकता और गौरव का प्रतीक था.

एफएम/केआर