नई दिल्ली, 21 जून . देशभर में 11वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया. इस साल की थीम “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग” है. केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने आज देशभर में अपनी 430 से अधिक इकाइयों पर अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस समारोह सफलतापूर्वक पूरा किया. शनिवार को दिल्ली के सीजीओ कॉम्प्लेक्स में सीआईएसएफ मुख्यालय में 100 से अधिक कर्मियों ने सामूहिक रूप से योगाभ्यास में भाग लिया.
इस कार्यक्रम में अतिरिक्त महानिदेशक (मुख्यालय) पद्माकर रणपिसे सहित सभी कर्मियों की सक्रिय भागीदारी रही, जिन्होंने योग प्रशिक्षकों के निर्देशों के तहत सत्र का नेतृत्व किया. बता दें कि जून महीने के दौरान, सीआईएसएफ की सभी यूनिटें रोजाना योग अभ्यास में लगे रहे. इस दौरान योग प्रशिक्षकों ने न केवल कर्मियों और उनके परिवारों के लिए विशेष कक्षाएं आयोजित की, बल्कि स्कूली छात्रों और आसपास के इलाकों के इच्छुक व्यक्तियों को भी यह अवसर प्रदान किया. इस पहल ने व्यापक जागरूकता और रुचि पैदा की, जिससे नागरिकों ने भी बढ़ी संख्या में इस सार्थक प्रयास में भाग लिया.
महीने भर की तैयारियों का समापन 21 जून को शानदार मेगा समारोह के साथ हुआ. इस दौरान बड़े पैमाने पर सार्वजनिक योग सत्र सावधानीपूर्वक चयनित ऐतिहासिक स्थलों, प्रमुख विरासत स्थलों, अद्वितीय स्थानीय आकर्षणों और सार्वजनिक पार्कों में आयोजित किए गए.
केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल ने इस साल के अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की थीम “योग फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ” को पूरी तरह से अपनाया. सीआईएसएफ का मानना है कि योग केवल शारीरिक व्यायाम से कहीं अधिक है, यह एक गहन विज्ञान है जो अनुशासन विकसित करता है, सहनशक्ति को बढ़ाता है और शांत व एकाग्र मन विकसित करता है. इसके समर्पित कर्मियों के लिए ये सभी महत्वपूर्ण गुण हैं. स्वास्थ्य के प्रति अपनी अटूट प्रतिबद्धता का प्रदर्शन करते हुए, सीआईएसएफ ने अपने प्रशिक्षण कार्यक्रमों में योग को सक्रिय रूप से शामिल किया है.
इन व्यापक प्रयासों के माध्यम से, सीआईएसएफ ने महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के संरक्षक के रूप में अपनी भूमिका को सीमित न करके उसका दायरा बढ़ाया है. सीआईएसएफ ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर भी पोस्ट किया, “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग”
“योग भारत का शाश्वत उपहार है जो सांस, संतुलन और स्वास्थ्य में दुनिया को एकजुट कर रहा है. आइए योग की शक्ति के माध्यम से मन, शरीर और आत्मा को फिर से जीवंत करें!”
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एएसएच/एएस